बहुप्रतीक्षित स्वर्णिम भारत एक्सपो 2025 का भव्य शुभारंभ में बोले
रांची: राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की भावना हमारे वैज्ञानिक संस्थानों, उद्योगों और पारंपरिक क्षेत्रों की उपलब्धियों में झलकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से नवाचार, धरोहर और उद्यमिता को एक ही मंच पर लाकर नए भारत की आकांक्षाओं को मूर्त रूप दिया जाता है। उक्त बातें नामकुम स्थित सरला बिरला युर्निवसिटी में आयोजित बहुप्रतीक्षित स्वर्णिम भारत एक्सपो 2025 का में भव्य शुभारंभ करते हुए कहा । इस तीन दिवसीय प्र्रदर्शनी में अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और कृषि में अत्याधुनिक अनुसंधान; ऊर्जा और अवसंरचना की प्रगति; तथा हस्तशिल्प और हैंडलूम की गौरवशाली परंपरा को प्रस्तुत किया गया। इस एक्सपो 23 अगस्त तक जारी रहेगा, जिसमें ज्ञानवर्धक सत्र, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और उद्योग संवाद शामिल होंगे। यह आयोजन भारत को विकसित भारत 2047 की दिशा में आगे ले जाने वाले नवाचार, उद्यमिता और समावेशी विकास का रोडमैप प्रस्तुत करेगा। परिचित फाउंडेशन द्वारा आयोजित यह राष्ट्रीय आयोजन डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में लागू किया गया है। हालांकि व्यस्त होने के कारण श्री वर्मा उपस्थित नही हो सके । यह एक्सपो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और विकसित भारत@2047 के संकल्प को साकार करने का मंच है। उद्घाटन सत्र में जिनमें प्रो. जेगनाथन चोक्कालिंगम, कुलपति, सरला बिड़ला विश्वविद्यालय, पद्मश्री अशोक भगत,परेश गत्तानी, अध्यक्ष फेडरेशन आॅफ झारखंड चैंबर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज,(डॉ.) गोपाल पाठक, महानिदेशक, सरला बिड़ला विश्वविद्यालय,मनीषा शर्मा, प्राचार्य, सरला बिड़ला पब्लिक स्कूल तरुण जैन, अध्यक्ष फाउंडेशन शामिल थे । वही, पहले दिन ही विभिन्न राष्ट्रीय संस्थाओं और संगठनों ने अपने उत्कृष्ट योगदान को प्रदर्शित किया। जिसमें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआइआर,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आईएसआरओ,राष्ट्रीय जलविद्युत निगम एनएचपीसी,नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड एनएएलसीओ, इरकॉन,इंटरनेशनल लिमिटेडआईआरसीओएन, कॉनकॉर,राष्ट्रीय जूट बोर्ड,विकास आयुक्त ,हैंडलूम,, विकास आयुक्तहैंडिक्राफ्ट,भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ,भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ,भारतीय मानक ब्यूरो ,जल शक्ति मंत्रालय,एपीडा ,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ,भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण,परमाणु ऊर्जा विभाग थे।
