Eksandesh Desk
हजारीबाग/बरही: नामांकन दाखिल करने के अंतिम एक दिन पहले बरही विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अरुण साहू को उम्मीदवार बनाया तथा वर्तमान विधायक उमाशंकर अकेला का टिकट काट कर पार्टी ने उन्हें अब अकेला छोड़ दिया। पार्टी ने 24 अक्टूबर को अंतिम समय में लिस्ट जारी कर अरुण साहू पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया है।अरुण साहू ने नामांकन दर्ज किया तथा नामांकन दर्ज करने के दौरान सैकड़ो की संख्या में उनके समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता उनके साथ दिखे। अरुण साहू 2014 से कांग्रेस के सक्रिय राजनीति में है जबकि अरुण साहू के पिता स्वर्गीय तिलेश्वर साहू भी बरही विधानसभा क्षेत्र से सक्रिय राजनीति में रहे हैं। 8 मई 2014 को महिला दिवस के दीन बरही के कार्यक्रम में तिलेश्वर साहु की हत्या कर दी गई थी।
तिलेश्वर साहू ने 2011 में आजसू पार्टी का दामन थामा था तथा उनकी हत्या होने पर 2014 में उनकी पत्नी साबी देवी झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ा था। पर चुनाव में आजसू और भाजपा का गठबंधन हुआ था और साबी देवी को उम्मीदवार नहीं बनाने पर साबी देवी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम कर चुनाव लड़ कर लगभग 40 हजार मत प्राप्त किया था। लंबे संघर्ष और पार्टी के प्रति समर्पित होने के कारण अरुण साहू को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से उम्मीदवार बनाया गया है। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि बरही का विकास करना और रोजगार के लिए अवसर तैयार करना प्रमुख उद्देश्य रहेगा। अरुण साहू का कहना है कि विकास एक निरंतर प्रक्रिया है जो हमेशा चलता रहेगा।
उन्होंने कहा की उमाशंकर अकेला ने क्षेत्र में कई काम किए हैं तथा जिन कामों को उन्होंने अधूरा छोड़ा है उसे पूरा कर क्षेत्र का संपूर्ण विकास किया जाएगा। वहीं कांग्रेस से टिकट कटने के बाद निवर्तमान विधायक उमाशंकर अकेला ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है तथा उन्होंने ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।बरही विधानसभा सीट से भाजपा ने पुर्व विधायक मनोज यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है तथा बरही विधानसभा सीट अब रोमांचक मुकाबले को तैयार है।