अखाड़ाधारियों व रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्षों के बीच लाठी, तलवार, भगवा गमछा का वितरण

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Eksandeshlive Desk

हजारीबाग : बड़ा अखाड़ा प्रांगण मे रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष व सभी अखाड़ा के अध्यक्ष व सचिवों को इस वर्ष रामनवमी के अध्यक्ष पद के दावेदार रहे मीत यादव के द्वारा लाठी, तलवार, महावीर ध्वज, हनुमान चालीसा, व गमछा का वितरण किया गया. कार्यक्रम कि शुरुआत महंत विजयानंद दास के द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ करवा कर किया गया. इस अवसर पर मीत यादव ने कहा कि इस वर्ष अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हुआ है वे बाल रूप में हम सबों के बीच आए हैं. उनके बाल रूप प्रतिमा देख वे राम के काम के लिए प्रेरित हुए और इस वर्ष की रामनवमी की जिम्मेदारी वह अपने युवा कंधे पर लेना चाहते थे परंतु ऐसा होना सका लेकिन उन्होंने सभी अखाड़ाधारी व पूर्व अध्यक्षों का आभार जताते हुए कहा कि उनके ऊपर जिन लोगों ने भरोसा जताया उनका वह आभार व्यक्त करते हैं.उन्होंने आगे कहा कि जब उन्होंने अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश की थी उस वक्त यह वादा किया था कि इस त्यौहार की भव्यता को और बढ़ाने का प्रयास करेंगे और इसे एक नया आयाम देंगे इस वादे को पूरा करने के लिए समस्त अखाड़ाधारी व रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्षों के बीच एक छोटी सी भेंट दी है. उन्होंने समस्त राम भक्तों से अपील करते हुए कहा कि इस वर्ष की रामनवमी सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाए और जहां कहीं भी रामभक्तों को रामनवमी से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो वह उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे . वहीं रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत यादव ने कहा कि रामनवमी का इतिहास काफी स्वर्णिम रहा है हम सबों को इस वर्ष रामनवमी सौहार्दपूर्ण भक्तिमय व नशामुक्त वातावरण में मानना है. रामनवमी को ऐतिहासिक बनाने में सबों का सहयोग जरूरी है हम सब मिलजुल कर रामनवमी मनाएंगे . रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष शशि भूषण केसरी ने इस मौके पर कहा कि सभी राम भक्त आपसी सामंजस्य से एक दूसरे का सहयोग करते हुए रामनवमी मनाये. पूर्व अध्यक्ष राजकुमार यादव ने कहा कि राम एक आदर्श पुरुष है मर्यादित है और हम सब रामनवमी उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं तो हमें भी रामनवमी में मर्यादित रहना है. मौके पर रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष कुणाल यादव, मनीष गोप, अनमोल साव, वीरेंद्र कुमार वीरू, राजेश यादव ,राजेश गोप, बबलू गुप्ता समेत समस्त अखाड़ाधारी के अलावा जिले के कई प्रबुद्ध जन मौजूद थे.