Eksandeshlive Desk
रोहतक : अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने से रोहतक की नट-बोल्ट इंडस्ट्री पर करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। यह दावा चंद्रयान और एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नट-बोल्ट बनाने वाली कंपनी एलपीएस बोसार्ड के मालिक राजेश जैन ने किया है। जैन ने चेतावनी दी कि यदि यह टैरिफ लागू रहा, तो अगले छह महीनों में अमेरिकी ग्राहक टूट सकते हैं, जिससे उद्योग को भारी झटका लगेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नट बोल्ट बनाने वाली कंपनी एलपीएस बोसार्ड अकेले अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 50 प्रतिशत निर्भर है और निर्यात करती है।
प्रधानमंत्री मोदी को कभी अपना सबसे अच्छा दोस्त कहने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों भारत से काफी खफा नजर आ रहे हैं तो वहीं पाकिस्तान से नजदीकीया बढ़ रही है, जो भारत के इंडस्ट्रियल के लिए काफी चिंता जनक है। 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगने से अकेले रोहतक के नट बोल्ट इंडस्ट्री पर करीब 1000 करोड़ रुपए सीधा असर पड़ेगा। इंडस्ट्रियल को तो यह भी चिंता है कि अगले 6 महीने में ही अमेरिका के सभी ग्राहक टूट जाएंगे, रोहतक की नट बोल्ट फैक्ट्री अमेरिका में एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नट निर्यात करती है ऐसे में अतिरिक्त टैरिफ से नट बोल्ट इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा। इसके लिए इंडस्ट्रियल ने प्रधानमंत्री मोदी से सीधे इस मामले में हस्तक्षेप करने और डोनाल्ड ट्रंप से बात करने की अपील कर रहे हैं। चंद्रयान और एयर डिफेंस सिस्टम के लिए नट बोल्ट बनाने वाली एलपीएस बोशार्ड के एमडी राजेश जैन ने रोहतक की नट बोल्ट से इंडस्ट्री पर बुरा असर पढ़ने के बात कही है। उन्होंने कहा कि अगले 6 महीने में सभी ग्राहक टूट जाएंगे, अकेले एलपीएस बोशार्ड ही अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए 200 करोड़ रुपए का निर्यात करती है , यदि टैरिफ लग गया तो नट बोल्ट महंगे होंगे और ग्राहक नहीं खरीद पाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी इंडस्ट्री लगाने से फायदा नहीं होगा क्योंकि प्रोडक्शन महंगा होने के चलते इंडस्ट्रियल को नुकसान ही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सभी बातों को भुलाकर डोनाल्ड ट्रंप से बात करें क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं।