Eksandeshlive Desk
तेहरान : तेहरान टाइम्स अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ईरान के अंदर अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमान उड़ाए। वे ईरान के खिलाफ इजराइल के युद्ध में सीधे शामिल हुए। ईरान की तीन जगहों पर परमाणु सुविधाओं पर हमले किए। इसके बाद अपने सोशल ट्रुथ पर घोषणा की कि ईरान की प्रमुख परमाणु संवर्धन सुविधाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। तेहरान टाइम्स का दावा है कि ट्रंप अपने हमलों की प्रभावशीलता का आकलन करने में गलत हैं। अमेरिकी हमले में ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र का बाल बांका नहीं बिगड़ा है।
फोर्डों का मुख्य सुविधा केंद्र पूरी तरह सुरक्षित और बरकरार : अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने एस्फाहान और नतांज परमाणु सुविधा केंद्र पर हमला किया। इन पर पिछले शुक्रवार को इजराइल हमला कर चुका है। इस हमले के बाद यहां से समृद्ध यूरेनियम और महत्वपूर्ण संवर्धन तकनीक को स्थानांतरित कर दिया गया। भूमिगत फोर्डो परमाणु सुविधा केंद्र पर भी अमेरिका का हमला नया नहीं है। न ही परिणाम नया है। इसके पांच प्रवेश द्वार हैं। सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि सिर्फ एक प्रवेश द्वार और एक निकास क्षतिग्रस्त हुआ है। फोर्डों का मुख्य सुविधा केंद्र एक पहाड़ में दर्जनों मीटर नीचे है। वह पूरी तरह सुरक्षित और बरकरार है। दूर से फोर्डो का वीडियो बनाने वाले स्थानीय निवासियों को भी कोई धुआं या आग नहीं दिखी। परमाणु सुविधा केंद्र के सबसे नजदीकी शहर कोम से मिली रिपोर्ट में पाया गया कि शहर में सामान्य कामकाज बाधित नहीं हुआ। लोग बिना किसी बाधा के अपने रोजमर्रा के काम बाहर निकलकर निपटाते रहे। यह लोग स्वीकार कर चुके हैं कि उनका देश 13 जून को इजराइल के युद्ध शुरू करने के बाद युद्ध लड़ रहा है।
खामेनेई के सलाहकार की चेतावनी: “परमाणु ठिकानों पर हमले से खेल खत्म नहीं हुआ” : ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी ने रविवार को एक कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बावजूद देश के पास “समृद्ध यूरेनियम का भंडार, स्वदेशी ज्ञान और राजनीतिक इच्छाशक्ति” सुरक्षित है। शमखानी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “अगर परमाणु साइटें नष्ट भी हो जाएं, तो भी खेल खत्म नहीं होता। असली ताकत हमारे पास अब भी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब “राजनीतिक और रणनीतिक बढ़त उस पक्ष के पास है जो समझदारी से काम ले और अंधाधुंध हमलों से बचे। आश्चर्यजनक प्रतिक्रियाएं जारी रहेंगी।” शमखानी के इस बयान को अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हालिया हवाई हमलों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघर्ष को रोकने के प्रयास कर रहा है। ईरान का यह स्पष्ट संदेश है कि वह न केवल सैन्य दृष्टि से तैयार है, बल्कि उसकी रणनीतिक दृढ़ता और परमाणु कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्धता भी बरकरार है।