Eksandeshlive Desk
वाशिंगटन : संयुक्त राज्य अमेरिका के एक संघीय जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका दिया है। जज ने फैसले में कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) का अनुदान रद्द करने वाला ट्रंप का निर्देश अमान्य और अवैध है। रद्द किए गए कुछ अनुदानों में एलजीबीटीक्यू आदि के शोध अनुदान भी शामिल थे। एबीसी न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, यह फैसला मैसाचुसेट्स के संघीय जज विलियम यंग ने सोमवार को सुनाया। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज यंग ने कहा कि यह संघीय कानून का उल्लंघन है। ऐसा निर्देश नस्लीय भेदभाव है।
अनुदान रद्द करने के बाद एक अमेरिकी सार्वजनिक स्वास्थ्य संघ और 16 राज्यों के समूह ने मुकदमा दायर किया गया था। मुकदमे कहा गया था कि अनुसंधान निधि में 1.8 बिलियन डालर तक की कटौती की गई है। जज ने फैसले में अनुदानों को बहाल करने का आदेश दिया। स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के संचार निदेशक एंड्रयू निक्सन ने फैसले पर कहा कि एजेंसी शोध के लिए वित्त पोषण समाप्त करने के अपने निर्णय पर कायम है। निक्सन ने कहा कि वह अपील दायर करने और आदेश पर रोक लगाने के लिए आगे बढ़ने सहित सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। वादीगणों में हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ब्रिटनी चार्लटन भी शामिल हैं। चार्लटन ने एक बयान में अदालत के फैसले पर खुशी जताई। अदालत ने सरकार के कार्यों की निंदा की और अनुदानों को बहाल करने का आदेश दिया।