शहर के नदी, तालाब, डैम एवं विभिन्न जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं आसपास के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर बैठक
Eksandeshlive Desk
रांची: जिला एवं शहर के जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची मंजूनाथ भजन्त्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी।
ऑनलाइन बैठक में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा शहर के नदी, तालाब, डैम एवं विभिन्न जल स्त्रोतों के आसपास अतिक्रमण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने संबंधित अंचल अधिकारियों से कांके, हटिया एवं गेतलसूद डैम के आसपास से अतिक्रमण हटाने की प्रगति रिपोर्ट लेते हुए निर्देश दिया कि जिन चिन्हित अतिक्रमकारियों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें शीघ्र हटायें। हरमू, हिनू एवं भूसुर नदी के साथ शहर के प्रमुख तालाबों से भी अतिक्रमण हटाने की समीक्षा करते हुए उपायुक्त द्वारा संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के सभी जल स्रोतों की उनके मूल नक्शा के आधार पर उनका आकार चिन्हित करते हुए जल क्षेत्र की भूमि तथा उसके आसपास की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही उन्होंने अपर समाहर्त्ता, रांची को रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिये, जिसके आधार पर सभी अंचल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
बैठक के दौरान पंचशील नगर क्षेत्र में अतिक्रमण की स्थिति की भी समीक्षा उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री द्वारा की गई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि राजस्व नक्शा के अनुसार जल स्त्रोतों के आसपास से अतिक्रमण हटाया जाए, साथ ही सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई का भी निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया। उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि जल स्त्रोत हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनके संरक्षण के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। जिला प्रशासन का प्रयास है कि रांची के सभी जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कर संरक्षित किया जाए। नागरिकों से भी अपेक्षा है कि वे जल स्त्रोतों के आसपास अतिक्रमण न करें और जल संरक्षण की दिशा में प्रशासन का सहयोग करें। बैठक में अनुमण्डल पदाधिकारी सदर उत्कर्ष कुमार, नगर निगम रांची के संबंधित पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, एवं अंचल अधिकारी कांके, ओरमांझी, अनगड़ा, बड़गाईं, शहर, अरगोड़ा, हेहल, रातू, नगड़ी एवं नामकुम उपस्थित थे।