अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच ने मनाई वाजपेयी की 100वीं जयंती, समारोह में 192 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

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Ashutosh Jha

काठमांडू : अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच द्वारा बुधवार को यहां आयोजित भारतरत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच द्वारा अटल समरसता रत्न अलंकरण जयंती समारोह में 192 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के अतिथि नेपाल के प्रथम उपराष्ट्रपति परमानंद झा थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नेपाल के पूर्व मंत्री, सांसद एवं जनमत पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अब्दुल खान थे। इन्होंने इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेपाल-भारत का संबंध जीवन और मरण का है। दोनो देश साथ मरने और जीने के लिए बने हैं। अपने स्वागत संबोधन में अब्दुल खान ने कहा कि माता जानकी का जन्म नेपाल में हुआ किंतु उन्हें सीता माता भारत ने बनाया।

सिद्धार्थ का जन्म नेपाल में हुआ लेकिन उन्हें भगवान गौतम बुद्ध के रूप में भारत में प्रतिष्ठित किया गया। इसी प्रकार देवकाल, आदिकाल से लेकर आजतक यह संबंध कायम है। अब्दुल खान ने आगे कहा कि पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ, जनकपुरधाम लुम्बिनी का धार्मिक सर्किट बनाया जाना काफी जरूरी है। इसका लाभ यह होगा कि दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों को नेपाल तथा भारत के संयुक्त धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों का ज्ञान हो सकेगा। खान ने नेपाल सरकार से आग्रह किया कि वह ऐसी व्यवस्था करे कि भारत से आनेवाल पर्यटकों का नेपाल में समुचित सम्मान हो सके। भारत सरकार से भी इस निमित्तक अहम भूमिका निभाने का अनुरोध अब्दुल खान ने किया है।