अनुबंध आधारित नियुक्ति बंद हो: महेश

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Eksandesh Desk

लोहरदगा: श्रम कोड, निजीकरण, ठेकेदारी प्रथा बंद होनी चाहिए। वास्तविक मजदूरी की वृद्धि में भी गिरावट जारी है। बड़े पैमाने पर सभी सेक्टर में आज नियुक्ति के अवसर कम हो रहे हैं। उपर्युक्त बातें समाहरणालय के सामने यूकेलिपटस मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर एक्टू नेता महेश कुमार सिंह ने कहीं। श्री सिंह ने कहा कि देश के मजदूर ,किसान मेहनतकश त्रस्त हैं ।इन सब के खिलाफ मेहनतकश की एकता को मजबूत करने की जरूरत है। इन्होंने वैधानिक न्यूनतम मजदूरी 35000रुपए और पेंशन 18000रुपए करने पर बल दिया।
झापसा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ शैलेन्द्र सुमन ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति के नाम पर शिक्षक, कर्मचारियों और पदाधिकारियों के ऊपर दमन बढ़ता जा रहा है। डिजिटल क्रांति और ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर 12 घंटे तक काम लेना न्यायसंगत नहीं है। शिक्षक नेता मुमताज अहमद ने कहा कि कोरोना काल के 18महीने का एरियर रोकना लाजिमी नहीं है बल्कि कर्मचारियों को मनोबल को कमजोर करना है। डीवाईएफआई के बच्चुनारायण सिंह ,सीटू नेता दिलीप कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के साथ नाइंसाफी करने पर तुली है। यहां तक की बुजुर्गों का रेलवे भाड़ा में छूट भी समाप्त कर दिया गया है। यह सरासर गलत है।
किसान नेता जगदीश महतो ने केंद्र सरकार किसान विरोधी है , इसी कारण किसान की हालत बद से बदतर होती जा रही है। सभा को अन्य लोगों के अलावा रामकुमार महतो, सुधीर उरांव,देवेंद्र लाल दास, मोहन मिंज, दिलमुनि बेक, मंजू बेक,मो जफर आलम, मो कैश ने भी संबोधित किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से फूलदेव कुजूर, सूर्यमुखी कुजूर फुलदेव उरांव ,शनिचरवा ठकरू, राजकुमार लोहरा ,लंबू , ठाकुर उरांव, बंधु उरांव, भोला उरांव, मंजू उरांव , शनिचर्वा उरांव ने योगदान दिया। कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व पहलगाम में आतंकी हमलों में मारे गए सभी मृतकों के प्रति दो मिनट का मौन धारण किया गया। मजदूर दिवस के मौके पर शिक्षक, कर्मचारी एवं मजदूरों ने सहभागिता निभाया।