बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी : पर्थ टेस्ट में जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है : केएल राहुल

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Eksandeshlive Desk

एडिलेड : भारतीय क्रिकेट टीम इस समय पांच मैचों की टेस्ट सीरीज (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी) के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। सीरीज का पहला टेस्ट पर्थ में खेला जा चुका है। पहले मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराकर सीरीज में 1-0 से आगे है। अब 6 दिसंबर से एडिलेड में दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट (पिंक बॉल) खेला जाएगा। मैच से पहले भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल ने कहा कि पर्थ टेस्ट में जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है। पर्थ में 295 रनों की रिकॉर्ड जीत के बाद भारत फिलहाल बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में 1-0 से आगे है। दूसरा टेस्ट शुक्रवार से एडिलेड में डे-नाइट फॉर्मेट में खेला जाएगा।

मैं बस प्लेइंग इलेवन में बने रहना चाहता हूं

राहुल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम जिस तरह से खेले उससे वाकई बहुत खुश हैं और जब आप ऑस्ट्रेलिया जाते हैं, पहला मैच जीतते हैं और उसे उस तरह से जीतते हैं जैसा हमने पर्थ में जीता, तो इससे आपको बहुत आत्मविश्वास मिलता है। मेरा मतलब है कि पर्थ के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है कि यह ऑस्ट्रेलिया का सबसे तेज विकेट है और यहां आने वाली टीमों को वास्तव में यहां संघर्ष करना पड़ा है। तो हां, हमे इससे काफी आत्मविश्वास मिला है। इस सवाल पर कि आप किस स्थान पर बल्लेबाजी करेंगे उन्होंने एक अजीब जवाब दिया। राहुल ने कहा कि मुझे तो बताया गया है, लेकिन मुझे यह भी कहा गया है कि यह किसी से साझा न करूं। आपको पहले दिन (टेस्ट के) या शायद कल (गुरुवार) कप्तान (रोहित शर्मा) के आने का इंतजार करना होगा। राहुल ने इसके बाद कहा कि मैं बस प्लेइंग इलेवन में रहना चाहता हूं और टीम के लिए बल्लेबाजी करना चाहता हूं।

मैंने अलग-अलग जगहों पर की है बल्लेबाजी

राहुल ने अलग-अलग जहगों पर बल्लेबाजी को लेकर कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैंने अलग-अलग जगहों पर बल्लेबाजी की है, इसलिए जब मुझे शुरू में अलग-अलग स्थानों पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा गया तो यह मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण था लेकिन तकनीक के मामले में इतना नहीं। मानसिक रूप से उन पहली 20-25 गेंदों को कैसे खेलना है, मैं कौन से शॉट खेल सकता हूं, मैं कितनी जल्दी आक्रमण कर सकता हूं, मुझे कितना सतर्क रहना होगा। इसलिए ये ऐसी चीजें थीं जो शुरू में थोड़ी मुश्किल थीं, लेकिन अब जब मैं वनडे और टेस्ट क्रिकेट में खेल चुका हूं, तो इससे मुझे थोड़ा-बहुत अंदाजा हो गया है कि मुझे अपनी पारी को कैसे संभालना है और मुझे कैसे शुरुआत करनी है।