झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने दिल्ली स्थित कृषि भवन में कृषि एवं कल्याण सचिव मनोज आहूजा से मुलाकात की. इस दौरान बादल पत्रलेख के विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी भी साथ थे.
इस मुलाकात के दौरान बादल पत्रलेख ने भारत सरकार के कृषि सचिव से कहा कि साल 2022 खरीफ मौसम में कम वर्षा के कारण राज्य के 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था, जिसके लिए राज्य सरकार ने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 9682.69 करोड़ों रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने आग्रह किया कि इसे लेकर आपदा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए यह राशि राज्य के किसानों को दिया जाए, तो सूखा का दंश झेल रहे किसानों के लिए बड़ी राहत होगी.
वहीं, कृषि मंत्री ने भारत सरकार के सचिव से कहा कि राज्य सरकार ने अपनी तरफ से पंजीकृत प्रति किसानों को 3500 रुपए दिए हैं. सचिव ने कहा आपदा विभाग से वे खुद बात करेंगे
मंत्री बादल पत्रलेख ने भारत सरकार के सचिव मनोज आहूजा से मुलाकात करने के बाद बताया कि राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बिन्दुओं पर बात हुई है. राज्य में सॉयल टेस्टिंग लैब की स्थापना (Establishment of Soil Testing Lab), आत्मा के लिए रिवॉल्विंग फंड और प्रोत्साहन बढ़ोतरी सहित सभी बिन्दुओं पर बातचीत हुई. फसल बीमा योजना से जुड़े तकनीकी पहलु को लेकर भी उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया है.
वहीं, विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी की मांग पर भारत सरकार के सचिव ने तुरंत अपने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि झारखंड से इस बार हनी मिशन को लेकर प्रोजेक्ट आए, तो उन्हें जल्द से जल्द अप्रूव कर राशि निर्गत की जाए.
भारत सरकार के सचिव मनोज आहूजा ने कहा है कि मिट्टी जांच के लिए वह 500 हाई स्कूलों को चिह्नित करें. भारत सरकार सॉयल टेस्टिंग लैब की व्यवस्था कराएगी. छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे अपनी और दूसरे किसानों की जमीन की मिट्टी लाकर लैब में जांच कर किसानों को बता सकेंगे कि उस जगह की मिट्टी कैसी है और वहां कौन से अनाज उपजाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा प्रयोग होगा और आप इसके लिए हमें प्रोजेक्ट तैयार कर भेजें.
भारत सरकार के सचिव ने कहा कि भारत सरकार ने सीड ट्रेकिंग के लिए पोर्टल की व्यवस्था की है, इसे झारखंड में भी जल्द लागू किया जाए. जिससे बाजार में सही बीज का वितरण किया जा सके. इस दौरान भारत सरकार की संयुक्त सचिव कृषि एवं किसान विभाग एस रुक्मणि और राज्य के कृषि निदेशक चंदन कुमार भी मौजूद थे.