प्रतापपुर(चतरा): मकर संक्रांति के बाद सूर्य देवता अपनी तपिश बढ़ा देते हैं जिससे लोगों को ठंड से राहत मिलने लगती है। परंतु इस बार सभी अनुमानों को झुठलाते हुए मौसम ने अपना मिजाज पूरी तरह बदल लिया है। पहले हीं पिछले चार दिन से प्रखंड भर में पड़ रहीं ठंड से जहां लोगों को खासकर बूढ़े बुजुर्ग के साथ साथ स्कूल जाने वाले बच्चे बच्चियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं उस परेशानी को गुरुवार को रहा सहा कसर घने कोहरे और कुहासे के बीच झमझम बारिश ने पूरा कर लोगों को और परेशानी में डाल दिया है। पूरे उतरी भारत में चल रहे शीत लहर का असर अब झारखंड में भी देखने को मिल रहा है तथा मौसम विभाग से प्रसारित सूचना के अनुसार फिलहाल लोगों को इस ठंड व शीत लहर से राहत मिलने के आसार नजर नही आ रहे है। ऐसे में सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले नर्सरी से पांचवी तक के नौनिहालों को कंपकंपाती ठंड में भी स्कूल जाना पड़ रहा है जिसे लेकर कई अभिभावकों ने नाराजगी जताई है तथा छात्रों के हित में जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार से खराब मौसम को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित करने का आग्रह किया है। इसको लेकर विनोद कुमार साव, रंजीत पासवान, चंदर कुमार, पार्वती देवी, देवेंद्र कुमार, देवंती देवी, राधिका कुमारी सहित कई अभिभावकों ने बताया की सरकारी तथा निजी विद्यालययों में लगभग सुबह 9 बजे बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए हम अभिभावकों को भी इस हाड़ कंपकंपाती ठंड में सुबह 6 या 7 बजे से हीं नाश्ता तैयार करना , फिर बच्चों को तैयार करना उन्हे स्कूल ले जाना जैसी तैयारियां करनी पड़ती है। उसपर जिस तरह से ठंड का प्रकोप बढ़ा हुआ है उसमे बच्चों को स्कूल भेजने में भी काफी डर लगता रहता है की कहीं बच्चे को ठंड न लग जाए और बच्चा बीमार न हो जाए।
वहीं शिक्षकों का कहना है की यह सही बात है की काफी ठंड पड़ रही है क्लास में भी बच्चे खासकर के पहली से पांचवीं वर्ग के छोटे बच्चों की परेशानी देखा नही जाता है। बच्चे ठिठुरते रहते हैं परंतु हम लोग सरकार के निर्देशों का पालन करने को बाध्य हैं। सरकार का जैसा निर्देश मिलेगा हम करेंगे।। अब देखना यह है की जिस ठंड तथा शीत लहर से बचने के लिए बड़े बुजुर्ग हो या जवान घर से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं उस ठंड में घर से बाहर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के हित में सरकार क्या कदम उठाती है।