Ashutosh Jha
काठमांडू : ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री दीपक खड़का ने कहा है कि रसुवा में भोटेकोशी नदी में बाढ़ से बाधित जलविद्युत परियोजनाओं में से लगभग 90 मेगावाट क्षमता वाली परियोजनाओं को चालू कर दिया गया है। राष्ट्रीय सभा की मंगलवार की बैठक में सांसदों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री खड़का ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई चिलिमे, देवीघाट, त्रिशूली, सूर्यकुंडा, बुद्धभूमि और अपरमुलुंग सहित कुल 90 मेगावाट क्षमता वाली जलविद्युत परियोजनाओं को चालू कर दिया गया है। मंत्री खड़का ने बताया कि 60 मेगावाट की त्रिशूली ‘ए’ जलविद्युत परियोजना कुछ ही दिनों में चालू हो जाएगी। मंत्री खड़का ने बताया कि इसी तरह की उच्च क्षमता वाली परियोजनाओं को जल्द ही चालू करने के लिए काम शुरू हो चुका है।
मंत्री खड़का ने कहा, “सबसे ज़्यादा नुकसान झेलने वाली 111 मेगावाट की रसुवागढ़ी जलविद्युत परियोजना को चालू करने में कुछ समय लगेगा। बाढ़ से परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके ‘हेडवर्क्स’ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हमने इसे जल्द से जल्द चालू करने के लिए काम शुरू कर दिया है।” राष्ट्रीय सभा की पिछली बैठक में मंत्री खड़का ने बताया था कि रसुवा बाढ़ ने त्रिशूली नदी गलियारे में संचालित बिजली परियोजनाओं और ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय ट्रांसमिशन प्रणाली में लगभग 260 मेगावाट बिजली का कनेक्शन टूट गया है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा कि हालाँकि क्षेत्र में बाढ़ का प्रवाह वर्तमान में कम हो रहा है, फिर भी खतरा बना हुआ है। मंत्री खड़का ने विस्तृत अध्ययन और मूल्यांकन कार्य किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
