बांग्लादेश : काशिमपुर में किराएदार परिवार पर बर्बर हमला, तीन घायल

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Eksandeshlive desk

ढाका : बांग्लादेश के गाजीपुर महानगर के काशिमपुर थाना क्षेत्र के दक्षिण पानीशैल इलाके में मामूली विवाद को लेकर एक किराएदार परिवार पर बर्बर हमले का मामला सामने आया है। आरोप है कि कचरा व्यवसाय से जुड़े अबुल बशर के बड़े बेटे के नेतृत्व में यह हमला किया गया। इस घटना में एक दंपती और उनका नाबालिग बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पति पत्नी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। पीड़ित मोहम्मद आतिख (28) द्वारा थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, 14 दिसंबर की शाम उनके चार साल के बेटे यामिन अराफात का अबुल बशर के छोटे बेटे के साथ खेल को लेकर विवाद हुआ था। इसी बात को लेकर शुक्रवार को योजनाबद्ध तरीके से अबुल बशर के बड़े बेटे मोहम्मद अंतर (27) और प्रांत (20) ने लोहे की रॉड से आतिख पर हमला कर दिया। हमले के दौरान आतिख को बचाने आई उनकी पत्नी आफरीन (24) पर भी लोहे की रॉड से बेरहमी से वार किया गया।

पुलिस बोली-शिकायत की गंभीरता से जांच की जा रही, दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही : शिकायत में कहा गया है कि आतिख के सिर में गहरी चोट आई, जिसके कारण पांच टांके लगाने पड़े, जबकि आफरीन के सिर में 15 टांके आए हैं। हमलावरों ने चार साल के बच्चे को भी नहीं बख्शा और उसके साथ मारपीट कर उसे लहूलुहान कर दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, आरोपी अबुल बशर इलाके में प्रभावशाली माना जाता है। पड़ोसियों का आरोप है कि वह कचरा व्यवसाय के नाम पर चलने वाले एक सिंडिकेट से जुड़ा है और जबरन वसूली सहित कई अवैध गतिविधियों में शामिल है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उसके परिवार के सदस्यों की दबंगई से इलाके के लोग और किराएदार लंबे समय से परेशान हैं। एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बशर के बेटे अक्सर आम लोगों के साथ मारपीट करते रहते हैं। हमले के बाद लोगों ने घायलों को पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया और हालत गंभीर होने पर उन्हें शहीद ताजुद्दीन अहमद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल आतिख और उनकी पत्नी इलाजरत हैं। इस मामले में पीड़ित आतिख ने काशिमपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि शिकायत की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।

बांग्लादेश में व्यापक हिंसा पर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जताई चिंता : मानवाधिकार से जुड़े मामलों की अग्रणी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक हिंदू युवक की पीट-पीट कर हत्या और मीडिया संस्थानों पर हमले के साथ देशभर में व्यापक स्तर पर हुई हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। संस्था ने ऐसे तमाम मामलों की तुरंत निष्पक्ष जांच की जरूरत बताई है। लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अंतरिम सरकार से इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी की हत्या और उसके बाद हुई हिंसा की त्वरित, गहन, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। संस्था ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा कर कहा है कि हिंसा के दौरान मीडिया समूह प्रोथोम आलो, डेली स्टार और छायानट के कार्यालयों को जला दिया गया और न्यू एज के संपादक नूरुल कबीर को परेशान किया गया। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि ईशनिंदा के आरोपों के बाद हिंदू कपड़ा मजदूर दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से वे चिंतित हैं। हिंसा की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि अंतरिम सरकार को हिंसा और हत्या के दोषियों को निष्पक्ष सुनवाई के माध्यम से जवाबदेह ठहराने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। इससे पहले एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने के फैसले का विरोध किया था। संस्था ने कहा था कि हसीना और उनके कार्यकाल में गृह मंत्री की भूमिका निभाने वाले असदुज्जमां खान के खिलाफ ट्रिब्यूनल की कार्यवाही न तो निष्पक्ष थी और न ही न्यायसंगत।

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