Eksandeshlive Desk
ढाका : बांग्लादेश में जनमत संग्रह कराने और जुलाई के राष्ट्रीय चार्टर को लागू करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। आठ राजनीतिक दलों ने गुरवार को अंतरिम सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राजधानी ढाका के अगरगांव स्थित निर्वाण भवन के बाहर रैली की। इसके बाद चुनाव आयोग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी और इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश सहित आठ राजनीतिक दलों ने रैली करने के बाद चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंप कर नवंबर में हर हाल में जनमत संग्रह और जुलाई के राष्ट्रीय चार्टर को लागू करने की मांग की। ज्ञापन में चुनाव आयोग से सभी दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर पिछले आयोग जैसा अंजाम होगा।
जनमत संग्रह कराने के लिए संवैधानिक आदेशों की आवश्यकता पर जोर : जमात नेताओं ने रैली में जुलाई के राष्ट्रीय चार्टर को लागू करने और अगले संसदीय चुनाव से पहले जनमत संग्रह कराने के लिए संवैधानिक आदेशों की आवश्यकता पर जोर दिया। रैली को जमात के सहायक महासचिव अब्दुल हलीम, मुबारक हुसैन, रेजाउल करीम और नजीमुद्दीन मुल्ला आदि ने संबोधित किया। इस्लामी आंदोलन के नेताओं ने भी इस मांग को दोहराया और कहा कि संसदीय चुनाव से पहले जनमत संग्रह कराने में देरी नहीं होनी चाहिए। सनद रहे बांग्लादेश में 30 सितंबर से खिलाफत मजलिस, बांग्लादेश खिलाफत मजलिस, बांग्लादेश नेजाम-ए-इस्लाम पार्टी, बांग्लादेश खिलाफत आंदोलन, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और बांग्लादेश विकास पार्टी सहित आठ दल पांच सूत्री मांगों के समर्थन में अभियान चला रहे हैं। पांच मांग यह हैं- जुलाई के राष्ट्रीय चार्टर को लागू करने और नवंबर तक जनमत संग्रह कराने के आदेश जारी करना। अगले आम चुनाव में संसद के दोनों सदनों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व लागू करना। स्वतंत्र, निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना। फासीवादी सरकार के सभी अत्याचारों, नरसंहार और भ्रष्टाचार के लिए प्रत्यक्ष अभियोजन। निरंकुशता का समर्थन करने के आरोप में नेशनल पार्टी और 14 दलीय गठबंधन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना।
