Eksandeshlive Desk
वाराणसी : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलाधिपति और पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र न्यायमूर्ति (रिटायर) गिरिधर मालवीय का सोमवार को निधन हो गया। 94 वर्षीय गिरिधर मालवीय ने प्रयागराज में अंतिम श्वांस ली। वे पिछले काफी समय से उम्रजनित बीमारियों से पीड़ित थे। उनके निधन की जानकारी पाते ही बीएचयू में शोक की लहर दौड़ गई।
गंगा की निर्मलता के लिए आजीवन सक्रिय भूमिका निभाते रहे
निधन की सूचना मिलते ही कुलपति प्रो. सुधीर जैन उनके प्रयागराज आवास के लिए रवाना हो गए। आखिरी बार वर्ष 2023 में गिरधर मालवीय काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। इस दौरान वह चलने में असमर्थ थे, जिसके कारण उन्हें व्हीलचेयर पर समारोह में लाया गया। वे 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे। गिरिधर मालवीय को 14 मार्च 1988 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। नवंबर 2018 में वे कुलाधिपति बने थे। गिरिधर मालवीय गंगा की निर्मलता एवं हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में आजीवन सक्रिय भूमिका निभाते रहे।
अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का मिला था निमंत्रण
अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में गिरिधर मालवीय को निमंत्रण देने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी प्रयागराज स्थित उनके जार्जटाउन स्थित आवास पर पहुंचे थे। मालवीय ने निमंत्रण मिलने पर खुशी जताई थी और इसे अपना सौभाग्य बताया था। उन्होंने कहा था कि सैकड़ों वर्षों के हिंदू समाज के संघर्ष और रामभक्तों के बलिदान के बाद यह शुभ दिन आया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से यह दिन सामने आया।