Eksandeshlive Desk
रांची : सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची के बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं आईआईएआर के संयुक्त तत्वावधान में “बेसिक साइंसेस और बायोटेक्नोलॉजी में करियर की संभावनाएँ: विभिन्न क्षेत्रों में अवसर” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य फादर डॉ. रॉबर्ट प्रदीप कुजूर, एस.जे. द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज की दुनिया में नवाचार की आवश्यकता है तथा छात्रों को को नए विचारों और समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया। वाइस प्रिंसिपल फादर डॉ. अजय मिंज ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. सयुक्ता ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संतुलन पर विचार रखते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इस वर्कशॉप में विभाग के सभी सहायक प्राध्यापक डॉ. शिव शंकर प्रसाद, डॉ. अल्फ्रेड बेसरा, डॉ. अमित कुमार गौतम भी उपस्थित थे इस अवसर पर एफएसएल के सीनियर साइंटिस्ट, स्नेहा मेहता ने फॉरेंसिक साइंस एवं बायोटेक्नोलॉजी में अवसरों पर मार्गदर्शन दिया, डॉ. रागिनी सिन्हा (सहायक प्राध्यापक, सीयूजे) ने अकादमिक करियर की संभावनाओं पर प्रकाश डाला,आदित्य प्रभाकर (जिला समन्वयक, एनआरएम परियोजना एवं निदेशक, अभिसारिका फाउंडेशन) ने सरकारी सेवाओं एवं नीति निर्माण में विज्ञान स्नातकों की भूमिका समझाई, तथा कृषि विशेषज्ञ श्री पंकज रॉय ने कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और उसमें बायोटेक्नोलॉजिस्ट, सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर जोर दिया। आईआईएआर की संस्थापक एवं निदेशक डॉ. आरती महतो ने कहा कि संस्थान का उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता और शोध के लिए प्रेरित करना है, वहीं प्रशासनिक अधिकारी सरोजिनी टोप्पो और सहायक निदेशक डॉ. फरहाना रोज़ी की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। छात्र स्वयंसेवकों मानवी चटर्जी, असफर तबसुम, अलविया फातिमा , विद्या आनंद, साक्षी कुमारी ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शिक्षकों की सहभागिता से संपन्न यह कार्यशाला छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता की दिशा में प्रेरणा का महत्वपूर्ण मंच बनी।
