भाईचारा बढ़ाएं, आओं मिलकर शांति व सौहार्द पूर्ण होली एवं माहे रमजान मनाएं : डॉ. बबलु राम

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मेसरा(रांची): होली का पर्व एक सामाजिक समरसता का पर्व है। इस पर्व को सभी व्यक्ति अपने पारस्परिक भेदभाव, शत्रुता, मत, पंत, जाति भुलाकर स्नेह के साथ मनाते हैं। आने वाला होली और माहे रमजान साथ-साथ है। इसलिए त्यौहार पर आपसी सौहार्द और शांति बनाएं रखें। उक्त बातें बीआईटी मेसरा रूदिया निवासी युवा समाजसेवी डॉ. बबलु राम ने कही। साथ ही सभी से अपील की है कि भाईचारा बढ़ाएं, आओ मिलकर शांतिपूर्ण व सौहार्द पूर्ण होली पर्व मनाएं। होली एक धार्मिक त्योहार है जो पूरी दुनिया में हिन्दु भाईयों द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। वहीं आपसी सौहार्द एवं भाईचारे के लिए बीआईटी मेसरा का इतिहास हमेशा से अच्छा रहा है। इस परंपरा और यहां की संस्कृति एवं गंगा जमुनी तहजीब को अछून्य बनाए रखना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। सभी लोग संयम, मानवता, संवेदनशीलता, शालीनता, प्रेम-भाईचारा और सौहार्द का पालन करते हुए धार्मिक भावनाओं को आहत किए बगैर त्योहार को पूरे उत्साह के साथ मनाएं। युवाओं के साथ बैठक कर उन्हें नैतिक एवं मानवीय मूल्यों से परिचित कराएं की होली पर्व एवं माहे रमजान के दृष्टिगत बाइक जुलूस व शोभा यात्राओं के दौरान किसी प्रकार के मादक पदार्थों का प्रयोग ना करें। होली का त्यौहार आपसी भाईचारे व सौहार्द का त्योहार है। इसे आपस में मिलजुल कर मनाएं। होलिका परंपरागत ढंग से जलाएं। बिना अनुमति के डीजे ना बजाएं तथा नशा करके वाहन ना चलाएं। कपड़ा फाड़ व कीचड़ से होली ना खेलें। बल्कि रंग व गुलाल से होली का त्यौहार मनाएं। ध्यान रहे जो होली ना खेले उसे जबरन रंग ना लगाएं। किसी भी प्रकार की अभद्रता व हुड़दंग ना करें। भाईचारे के साथ त्यौहार का आनन्द उठाएं,कोई भी कार्य परम्परा से हट कर ना करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आपस में ना उलझें, उसकी सुचना तत्काल पुलिस को दें। दोनों पर्व एक साथ पड़ने की बजह से धार्मिक सद्भाव बनाए रखना बहुत जरूरी हैं। अंत में सभी देशवासियों को होली एवं माहे रमजान की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी है।

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