sunil Verma
रांची: वर्तमान आम चुनाव में निश्चित हार की ओर बढ़ चुकी भाजपा धीरे-धीरे अपने वास्तविक रंग में आ रही है और बचे हुए चरणों के चुनाव में धार्मिक उन्माद का रंग भरने का प्रयास कर रही है। भाजपा के नेता मानसिक विकृति का शिकार हो चुके हैं। उक्त बयान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा प्रवक्ता के द्वारा जारी बयान के जवाब मे जारी किया।
उन्होंने कहा कि देश और झारखंड में डबल इंजन की जब भाजपा की सरकार चल रही थी तब उसे ऐसे मामले नजर नहीं आए और झारखंड में अपनी हो रही दुर्गति के बाद उन्हें आदिवासी समुदाय की चिंता सता रही है झारखंड का आदिवासी समुदाय वर्तमान महागठबंधन की झारखंड सरकार में पूरी तरह सुरक्षित है और पूरी तरह से इंडिया गठबंधन के साथ है। भाजपा के कुत्सित मंशा को जब इस समुदाय ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है तब ये आदिवासी- मुस्लिम भाईचारे को तार-तार कर झारखंड में बचे चरणों के चुनाव में अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं। भाजपा नेता गिरगिट से भी ज्यादा खतरनाक है जो हर पल रंग बदलते रहते हैं। इनका आदिवासी प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह झारखंड का लगातार दौरा कर रहे हैं लेकिन केंद्र द्वारा लटकाए गए सरना धर्म कोड बिल के बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं। उनकी हताशा का आलम यह है कि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए देश को धार्मिक युद्ध का रणक्षेत्र बनाना चाहते हैं लेकिन जनता खामोश रहकर इनकी करतूतों को देख और सुन रही है। उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम के मंत्री पद से इस्तीफा देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है और इससे किसी भी जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ता है ।