भारत और ब्रिटेन ने रक्षा सहयोग को और घनिष्ठ करने के तरीकों पर की चर्चा

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रक्षा राज्य मंत्री सेठ ने मुंबई में ब्रिटेन के रक्षा राज्य मंत्री वर्नोन कोकर के साथ की बैठक

Eksandeshlive Desk

मुंबई : भारत और ब्रिटेन ने मुंबई में शुक्रवार को रक्षा सहयोग को और घनिष्ठ करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों पक्षों के बीच यह चर्चा रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और ब्रिटेन के रक्षा राज्य मंत्री (हाउस ऑफ लॉर्ड्स के मंत्री) वर्नोन कोकर के साथ द्विपक्षीय बैठक में हुई। यह बैठक ब्रिटेन के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) की भारत यात्रा के दौरान आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने मौजूदा रक्षा सहयोग की समीक्षा की और भारत तथा ब्रिटेन के बीच सहयोग को और घनिष्ठ करने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा राज्य मंत्री सेठ ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि प्रिंस ऑफ वेल्स के नेतृत्व में ब्रिटेन के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भारत के पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास कोंकण-25 के समुद्री चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया। सीएसजी वर्तमान में मुंबई और गोवा में बंदरगाह चरण की गतिविधियों में लगा हुआ है।

रक्षा राज्य मंत्री ने सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई : रक्षा राज्य मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह की परिचालन बातचीत परिचालन दर्शन की आपसी समझ को बढ़ाती है और दोनों नौ सेनाओं के बीच अंतर-संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाले उपकरणों के निर्माण और स्वदेशी प्रणालियों के विकास में भारत की बढ़ती क्षमताओं पर चर्चा की। उन्होंने वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं में सहयोग और अवसरों सहित सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित विश्व व्यवस्था के समर्थन में हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। दोनों पक्षों ने भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी और जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूनाइटेड किंगडम यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘भारत-यूके विजन 2035’ द्वारा निर्देशित एक मजबूत, बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी रक्षा साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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