भारत और नेपाल के बीच वार्ता में पंचेश्वर परियोजना पर तेजी लाने पर बनी सहमति

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आशुतोष झा

काठमांडू: नेपाल के ऊर्जा, जलस्रोत और सिंचाई मंत्री दीपक खड़का और भारत के जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के बीच नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता संपन्न हुई। भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया एनर्जी वीक–2025’ में भाग लेने पहुंचे मंत्री खड़का ने आज श्रमशक्ति भवन में अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात की।

पंचेश्वर परियोजना पर तेजी लाने पर सहमति

बैठक के दौरान पंचेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना (Pancheshwar Multipurpose Project) की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को शीघ्र अंतिम रूप देकर परियोजना को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी। इस संबंध में नेपाल के ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्ठ ऊर्जा विशेषज्ञ प्रवल अधिकारी ने जानकारी दी। बैठक में टनकपुर से नेपाल-भारत सीमा तक की लिंक नहर का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन पानी संचालन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द अंतिम रूप देकर महाकाली संधि के तहत नेपाल को पानी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। इसके अलावा, बाढ़ और जलभराव प्रबंधन के लिए नेपाल-भारत संयुक्त समिति की 14वीं बैठक आगामी 22 से 24 मार्च के बीच आयोजित करने पर भी सहमति बनी। इसके लिए नेपाल सरकार जल्द ही भारत को औपचारिक पत्राचार करेगी।

सप्तकोसी बहुउद्देश्यीय परियोजना पर भी चर्चा

बैठक में सप्तकोसी बहुउद्देश्यीय परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए भी द्विपक्षीय बैठकों के माध्यम से विस्तृत चर्चा करने पर सहमति बनी। भारतीय जलशक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि भारत सरकार पंचेश्वर परियोजना की डीपीआर को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने और परियोजना को शीघ्र आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक रूप से प्रतिबद्ध है। मंत्री खड़का ने गत 5 नवंबर को हुई द्विपक्षीय चर्चा का स्मरण करते हुए कहा कि नेपाल-भारत के जलस्रोत और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में हाल की वार्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति

बैठक में नेपाल के ऊर्जा सचिव सुरेश आचार्य, वरिष्ठ ऊर्जा विशेषज्ञ प्रवल अधिकारी, सहसचिव संदीप कुमार देव, और मंत्री खड़का के आर्थिक सलाहकार अमित श्रेष्ठ सहित उच्चस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। नेपाल और भारत के बीच ऊर्जा और जल संसाधन सहयोग को और प्रभावी बनाने के लिए पंचेश्वर, सप्तकोसी और बाढ़ प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनी है। अब इन सहमतियों के क्रियान्वयन की दिशा में अगले कदम कैसे उठाए जाते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।