भारत-बांग्लादेश सीमा पर सैकड़ाें हिंदू साधु-संतों का प्रदर्शन, अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों काे राेकने की मांग

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Eksandeshlive desk

कोलकाता : बांग्लादेश में कथित तौर पर हिंदुओं पर हो रहे हमलों, अत्याचाराें काे राेकने और आध्यात्मिक गुरु चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के सैकड़ाें साधु-संतों ने सोमवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल बॉर्डर पर हुआ, जिसमें अखिल भारतीय संत समिति के नेतृत्व में कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।

भारतीय और बांग्लादेश सरकार तत्काल कार्रवाई करे

साधु-संतों ने भारतीय और बांग्लादेशी सरकारों से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हमलों और अत्याचार पर तत्काल कार्रवाई करे। समिति के बंगाल अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए कदम नहीं उठाती है। चिन्मय कृष्ण दास, जो एक आध्यात्मिक गुरु हैं, उनको बांग्लादेश में राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी और जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस्कॉन ने कोलकाता में कीर्तन और प्रार्थना सभाओं का आयोजन कर विरोध जताया है।

विस में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का समर्थन

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इस मुद्दे पर अपना समर्थन देने के साथ प्रदर्शन करने की घोषणा की है। वे बुधवार को हिंदू जागरण मंच और अन्य संगठनों के साथ मिलकर वे पेट्रापोल बॉर्डर पर एक मानवीय श्रृंखला बनाएंगे। भारत सरकार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की है और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों के लिए कार्रवाई की उम्मीद जताई है। गाैरतलब है कि बांग्लादेश में अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं।

बांग्लादेश की स्थिति पर ममता बनर्जी ने जताई चिंता

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से इसके समाधान के लिए स्पष्ट कदम उठाने की मांग की है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या विदेश मंत्री एस जयशंकर से संसद में इस मुद्दे पर बयान देने की मांग की। साथ ही, ममता ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क कर “शांति सैनिकों” की तैनाती सुनिश्चित करे। ममता बनर्जी ने इस स्थिति को देखते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी लेकिन बांग्लादेश में स्थिरता के लिए केंद्र को सक्रिय कदम उठाने चाहिए।

बांग्लादेश के हिंदू धर्मस्थल बचा जाएं : अधाेक्षजानंद

लखनऊ : बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों और सनातनियों पर हो रहे कथित हमलों को लेकर शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह बांग्ला की संस्कृति के विरुद्ध है। वहां की सरकार को बांग्लादेश काे एक देश की तरह चलाना चाहिए। उन्हाेंने बांग्लादेश के हिंदू धर्मस्थलों को कट्टरपंथियों से बचाने और गिरफ्तार किए चिन्मय दास काे तत्काल रिहा करने की मांग बांग्लादेश की सरकार से की है। शंकराचार्य ने साेमवार काे समाचार एजेंसी से कहा कि बंगाल देश में हमारे सैकड़ों मठ मंदिर हैं, शक्ति पीठ हैं। वहां निरंतर पाठ चलते रहते हैं। भारत के भी सनातनी लोग वहां जाया करते हैं। डेढ़ वर्ष पूर्व मैं भी वहां गया था। हर जगह हमारी यात्रा हुई और यात्रा सफल रही। बहुत अच्छे से वहां के लोगों ने स्वागत किया था। स्वागत करने वालों में सभी धर्मों के लोग शामिल थे। इसीलिए कहता हूं कि मौजूदा समय में जो हो रहा है, वह बांग्लादेश की संस्कृति नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि यह कट्टरपंथी कूटनीतिक षडयंत्र का हिस्सा है। यह बेनकाब होना चाहिए। बांग्ला सरकार को अपनी नीयत साफ करनी चाहिए। एक देश को देश की तरह चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं तो भारत के विदेश मंत्रालय को भी कहूंगा कि सजग रहें और त्वरित एक्शन लिया जाए।