भारत की बेटियों का करिश्मा : महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, वर्ल्ड कप जीत के साथ तोड़े कई बड़े रिकॉर्ड

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52 साल लंबा इंतजार खत्म, हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने 2025 महिला विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया

Eksandeshlive Desk

नवी मुंबई : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आखिरकार 52 साल लंबे इंतजार को खत्म करते हुए पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने 2025 महिला विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया।

शेफाली और दीप्ति की चमक से भारत का मजबूत स्कोर

डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 7 विकेट पर 298 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। चोटिल प्रतिका रावल की जगह टीम में शामिल की गई शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों पर 87 रन की दमदार पारी खेली, जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल थे। वहीं दीप्ति शर्मा ने 58 गेंदों पर 58 रन बनाकर शानदार साथ निभाया। शेफाली ने स्मृति मंधाना (45) के साथ पहले विकेट के लिए 104 गेंदों पर 106 रन और जेमिमा रोड्रिग्स (24) के साथ 62 रन की साझेदारी कर भारत को सशक्त शुरुआत दी। इसके बाद रिचा घोष ने अंत में 24 गेंदों पर 34 रन की तेजतर्रार पारी खेलकर रनगति को बनाए रखा। दक्षिण अफ्रीका के लिए आयोबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं, जिन्होंने 58 रन देकर तीन विकेट झटके।

दीप्ति-शेफाली की घातक गेंदबाजी से टूटी अफ्रीकी उम्मीदें

299 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत लड़खड़ाई, लेकिन कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने 98 गेंदों पर 101 रन की शानदार शतकीय पारी खेलकर टीम को मुकाबले में बनाए रखा। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने जल्द ही मैच का रुख पलट दिया। दीप्ति शर्मा ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट झटके, जबकि शेफाली वर्मा ने 2 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। अफ्रीकी टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई और भारत ने मैच 52 रन से अपने नाम कर लिया।

हरमनप्रीत की कप्तानी में नया युग

भारत ने महिला क्रिकेट विश्व कप में पहली बार खिताब जीता है। टीम इंडिया इससे पहले 2005 और 2017 के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन जीत से चूक गई थी। इस बार कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम को इतिहास रचने में अहम भूमिका निभाई।दीप्ति शर्मा ने न केवल 58 रन बनाए, बल्कि टूर्नामेंट में 15 विकेट और 200 रन पूरे कर वनडे विश्व कप में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गईं। यह जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत है — वह पल जब “ब्लू ब्रिगेड” ने दुनिया को दिखा दिया कि अब महिला क्रिकेट में भी भारत का दबदबा कायम है।

कई विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किए

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। भारत ने पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीतकर न सिर्फ खिताब अपने नाम किया बल्कि कई विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम किए। इस जीत के साथ भारत अब ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बाद 50 ओवर के वर्ल्ड कप का खिताब जीतने वाला चौथा देश बन गया है। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक सफर में भारत द्वारा बनाए गए शानदार रिकॉर्ड्स।

स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी का जलवा

434 रन – स्मृति मंधाना ने मिताली राज का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली भारतीय खिलाड़ी बन गईं। मिताली ने 2017 में 409 रन बनाए थे।
339 रन का लक्ष्य – सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने हासिल किया महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा सफल रनचेज़। यह किसी भी पुरुष या महिला वर्ल्ड कप नॉकआउट में पहली बार 300+ रन का पीछा था।
167 रनों की साझेदारी – जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप इतिहास की सबसे बड़ी साझेदारी निभाई।
212 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप – स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी विश्व कप साझेदारी का नया रिकॉर्ड बनाया।
155 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया – स्मृति और प्रतिका की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी की।

स्मृति मंधाना का सुनहरा विश्व कप

वनडे क्रिकेट में 5000 रन पूरे करने वाली दूसरी भारतीय बनीं — और वह भी सबसे तेज़ (112 पारियों) और सबसे कम उम्र (29 वर्ष) में। बनीं दुनिया की पहली खिलाड़ी, जिन्होंने एक कैलेंडर वर्ष में 1000 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1000 रन पूरे करने वाली दूसरी भारतीय — और सबसे तेज़ (21 पारियों) में।

ऋचा घोष का निचले क्रम से धमाका

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 94 रन की पारी — महिला वनडे में नंबर 8 या नीचे बल्लेबाजी करने वाली खिलाड़ी का सबसे बड़ा स्कोर। यह पारी किसी भारतीय विकेटकीपर द्वारा वर्ल्ड कप में सबसे बड़ी पारी भी रही। स्नेह राणा के साथ उनकी 88 रन की साझेदारी — भारत की 8वें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी 8वें विकेट साझेदारी बन गई।

दीप्ति शर्मा: ऑलराउंडर की मिसाल

22 विकेट लेकर बनीं किसी एक वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली भारतीय गेंदबाज। बनीं पहली खिलाड़ी (पुरुष या महिला) जिन्होंने एक वर्ल्ड कप में 200+ रन और 20+ विकेट दोनों हासिल किए। सेमीफाइनल में 58 रन और 5/39 के शानदार प्रदर्शन के साथ दीप्ति बनीं पहली क्रिकेटर, जिन्होंने वर्ल्ड कप नॉकआउट मैच में फिफ्टी और पांच विकेट दोनों लिए।

टीम इंडिया की ऐतिहासिक उपलब्धियां

भारत ने ऑस्ट्रेलिया की 15 मैचों की वर्ल्ड कप अजेय श्रृंखला को तोड़ा — 2017 से उनका यह पहला वर्ल्ड कप हार था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने छठे विकेट के बाद 149 रन बनाए — जो विश्व कप इतिहास में सबसे अधिक हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट का स्वर्ण युग शुरू

स्मृति की निरंतरता, दीप्ति की हरफनमौला चमक और ऋचा की साहसी बल्लेबाजी ने इस वर्ल्ड कप को भारत के लिए सपनों से भरी हकीकत बना दिया। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा और भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग की शुरुआत है।

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