भारत-नेपाल संबंध को किसी तीसरी शक्ति की नजर लग गयी है: डॉ अनिल कुमार सिन्हा

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आशुतोष झा
काठमांडू:
विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य प्रो- डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने कहा है कि भारत-नेपाल के संबंध को किसी तीसरी शक्ति की नजर लग गयी है। दोनों देशों के बीच होनेवाली शादियों में कमी आ गयी है। दूल्हा-दुल्हन को वाहनों से उतरकर पैदल बॉर्डर पार करना पड़ता है। सिन्हा ने वीरगंज में नेपाल-भारत सहयोग मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में उक्त बातें कहीं। उन्होंने सरिसवा नदी के प्रदूषण की मुक्ति पर चर्चा करते हुए कहा कि दो दशक के आंदोलन के पश्चात सुधार की अब जाकर पहल प्रारंभ हुई है। मीडिया को भी इस बात पर ध्यान देना होगा कि रक्सौल – वीरगंज की सीमा पर होने वाले छोटे-छोटे इश्यू को इस प्रकार तूल नहीं दे कि व भारत- नेपाल का अन्तरराष्ट्रीय मुद्दा बन जाए। नेपाल – भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार बैद ने कहा कि विनाशकारी भूकंप तथा कोराना जैसी आपदा में भारत सरकार ने नेपाल को बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। दोनो देशों के बीच आर्थिक के साथ ही ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों के विशेष रिश्तों की वजह से ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच बार नेपाल आ चुके हैं। राम, बुद्ध सहित कई सर्किट और विकास योजनाओं पर कार्य चल रहे हैं। वैदने जोर देकर कहा कि सीमा क्षेत्र के जनपेक्षी संबंध तथा रकसौल और वीरगंज जैसे शहरों के रिश्ते को नजरअंदाज कर भारत-नेपाल के रिश्तों की मजबूती की बात बेमानी होगी। बैद ने भारत सरकार से आग्रह किया कि बॉर्डर पर आवाजाही के लिए रेल, सड़क और एयर की बेहतर कनेक्टीवीटी कायम की जाए।