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रांची: अबुआ अधिकार मंच रांची विश्वविद्यालय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं, वित्तीय गड़बड़ियों, पक्षपातपूर्ण नियुक्तियों तथा शैक्षणिक अराजकता के विरुद्ध बीते कई महीनों से जनहित में निरंतर संघर्ष कर रहा था। मंच ने बार-बार महामहिम राज्यपाल महोदय, जो इन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, को प्रमाणों के साथ सूचित किया, तथा विश्वविद्यालयों की आंतरिक गिरावट को लेकर जनजागरण अभियान भी चलाया। मंच द्वारा उठाए गए तथ्यों, छात्रों की आवाज को माननीय राज्यपाल जी ने संज्ञान में लेने के फलस्वरूप दोनों विश्वविद्यालयों में नए प्रभारी कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी करनी पड़ी। अबुआ अधिकार मंच इस निर्णय का स्वागत करता है और इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक तथा ऐतिहासिक कदम मानता है। अबुआ अधिकार मंच मानता है कि यह सफलता न केवल एक संगठन की, बल्कि झारखंड की जनता, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और समस्त शिक्षा जगत की सामूहिक जीत है। यह स्पष्ट संकेत है कि जब नागरिक सच के साथ खड़े होते हैं, तो व्यवस्था को भी झुकना पड़ता है। अबुआ अधिकार मंच महामहिम राज्यपाल महोदय का हृदय से आभार प्रकट करता है, जिन्होंने जनभावनाओं और साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कदम उठाया। साथ ही मंच यह स्पष्ट करता है कि उसकी लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती। मंच आगे भी राज्य में शिक्षा, प्रशासन, एवं सार्वजनिक संस्थानों में फैले भ्रष्टाचार और कदाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा।
