पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के बीच चल रही मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 28 अप्रैल को सुनवाई हुई. कोर्ट से पहलवानों को बड़ी जीत मिली है. सुनवाई के दौरान ही दिल्ली पुलिस बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार हो गई. कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 28 अप्रैल की शाम तक दिल्ली पुलिस पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर लेगी.
पीड़ित महिला पहलवानों को दें सुरक्षा : SC
CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दिल्ली पुलिस को पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराने की बात भी कही है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस एक नाबालिग लड़की की खतरे का अकलन करें और उसे सुरक्षा मुहैया कराए.
क्या है मामला ?
भारत के कई दिग्गज पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तानाशाही के आरोप लगाए थे और उनके विरोध में प्रदर्शन कर रहें थे. विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट सहित देश के कई शीर्ष पहलवान शामिल थे. बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से भाजपा सांसद भी हैं. अपने प्रदर्शन को लेकर पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा था कि “भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पहलवानों को परेशान कर रहा है.
समिति अभी भी कर रही जांच
बता दें कि पहलवानों के आरोप के बाद महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया गया था. समिति को जांच करना था कि डब्ल्यूएफआई, उसके अध्यक्ष और कोचिंग स्टाफ के खिलाफ लगाए गए मानसिक और यौन शोषण के आरोप की क्या सच्चाई है. वहीं, समिति अभी भी इसकी जांच कर रही है. इसके अलावा समिति फेडेरशन के कामकाज को भी रोजाना देख रही है. क्योंकि आरोप के बाद खेल मंत्रालय ने बृज भूषण को हस्तक्षेप नहीं करने के आदेश दिए हैं.