बिहार बंद का असर पटना सहित कई जिलों में दिखा, 17 स्टेशनों पर भी किया गया प्रदर्शन

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Eksandeshlive Desk

पटना : बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में आईएनडीआईए गठबंधन द्वारा बुधवार को बुलाए गए बंद का असर पटना सहित कई जिलों में देखने को मिला। राजधानी पटना के अलावा गोपालगंज, दरभंगा, आरा, मधेपुरा, किशनगंज, खगड़िया, मधुबनी, गयाजी और सहरसा समेत कई जिलों में बंद समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया है। इस दौरान कहीं ट्रेनें रोक दी गईं, तो कहीं सड़क पर आगजनी कर आवागमन को बाधित कर दिया गया। पटना की सड़क पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के अन्य दिग्गज नेता प्रदर्शन करते नजर आए।

बंद के दौरान 17 स्टेशनों पर किया गया प्रदर्शन : राज्य के 17 रेलवे स्टेशनों पर भी बंद के दौरान प्रदर्शन किया गया। पूर्व मध्य रेलवे (पूमरे) ने बुधावर को इसकी जानकारी दी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर के 17 अलग-अलग स्टेशनों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोका गया। हालांकि, इस दौरान कहीं भी हिंसा या तोड़फोड़ की घटना नहीं हुई। मुजफ्फरपुर में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी रोका गया। मजदूर एवं कर्मचारी संगठनों ने भी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को बिहार समेत देश भर में बंद बुलाया। बिहार ग्रामीण बैंक में हड़ताल से करीब 10 हजार करोड़ रुपये के कारोबार के नुकसान होने की खबर है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहले से तय कार्यक्रम के तहत इस बिहार बंद को धार देने के लिए पटना पहुंचे। पटना पहुंचने के बाद राहुल गांधी आयकर गोलंबर पर पहुंचे। जहां पहले से ही बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद थे। यहां महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा हुआ था। आयकर गोलंबर से राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य और मुकेश सहनी सहित महागठबंधन के अन्य नेता एक वाहन पर सवार होकर मार्च के लिए निकले। गाड़ी पर दिग्गज नेताओं के साथ पटना की सड़क पर कार्यकर्ता लगातार पैदल मार्च कर रहे थे। पैदल मार्च करते हुए यह हुजूम शहीद स्मारक पहुंचा। यहां निर्वाचन कार्यालय से कुछ दूर पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। कई कार्यकर्ताओं ने यहां बैरिकेडिंग को तोडऩे का भी प्रयास किया औऱ कई बार स्थिति तनावपूर्ण भी बनी। पुलिस लगातार बैरिकेडिंग ना तोड़ने की अपील यहां कर रही थी। इस दौरान महागठबंधन के नेताओं ने अपने संबोधन में केंद्र और राज्य सरकार को घेरा तथा बिहार चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण को घातक बताया।

पप्पू यादव, कन्हैया कुमार को गाड़ी पर चढ़ने से रोका गया : पटना में बिहार बंद के दौरान पूर्णिया से सासंद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव की गाड़ी में चढ़ने से रोका गया। राहुल-तेजस्वी ओपन गाड़ी में सवार होकर महागठबंधन के मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। तभी पप्पू और कन्हैया ने भी उसमें चढ़ने की कोशिश की। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने दोनों नेताओं को रोक दिया। इस कारण उन्हें भारी फजीहत झेलनी पड़ी। बिहार बंद में शामिल होने के लिए पटना आए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मृतक गोपाल खेमका के घर जाकर उनके परिजनों से मिलना था। लेकिन, प्रशासन ने सुरक्षा कारणों की वजह से राहुल को गोपाल खेमका के घर जाने से रोका दिया, जिसके बाद राहुल गांधी सीधे पटना एय़रपोर्ट पहुंचे और वहां से दिल्ली रवाना हो गए। गोपाल खेमका की हाल ही में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वहीं बिहार बंद के समर्थन में राहुल गांधी के पटना आने पर राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि राहुल पिकनिक मनाने बिहार आए हैं। बिहार की समस्या से उनको कोई लेना-देना नहीं है। चिराग पासवान के जीजा और लोजपा (रामविलास) के जमुई से सांसद अरुण भारती ने भी बिहार बंद को लेकर महागठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “लोकतंत्र में विरोध, प्रदर्शन और हड़ताल करना सबका अधिकार है। मगर महाठगबंधन का ‘बिहार बंद’ और ‘चक्का जाम’ का असली मकसद है अपनी कुर्सी का इंतजाम।”

भाजपा ने बिहार बंद को बताया विपक्ष की साजिश का हिस्सा : पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिहार बंद को नियोजित साजिश बताया है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि ये लोग या तो अदालत पर भरोसा करें या फिर सड़कों पर प्रदर्शन करें। जब सुप्रीम कोर्ट में कल (गुरुवार को) ही सुनवाई होनी है, तो आज सड़क पर उतरकर क्या किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश की गयी है। क्या ये चाहते हैं कि वोटर लिस्ट में ऐसे लोग बने रहें, जिन्हें उसमें होना ही नहीं चाहिए, जैसे कि घुसपैठिए। रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को पटना में पत्रकार वार्ता में कहा कि सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि देश में सांसद या विधायक कौन बनेगा? इसका फैसला वोटर करते हैं। वोट वही डाल सकता है, जो भारत का नागरिक होगा और उसकी उम्र 18 साल या उससे अधिक होगी। जो सामान्य रूप से उस स्थान का निवासी हो, जहां से वह वोट डालता है। इसलिए वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण हो रहा है, तो इसमें विपक्षी दलों को किस बात की परेशानी है। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई नहीं है कि कई बार रोहिंग्या या अन्य लोग गलत तरीके से वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवा लेते हैं? जब पूरी ईमानदारी से काम हो रहा है तो आपत्ति किस बात की है? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दूसरी और इन सभी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जो कि उनका अधिकार है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जब कल सुनवाई होनी है, तो फिर विपक्ष आज सड़क पर उतरकर दबाव बनाने की राजनीति क्यों कर रहा है ? उन्होंने कहा कि आज विपक्षी दलों ने वोटर रिवीजन के मुद्दे पर बिहार बंद बुलाया है। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव सहित महाघठबंधन के सभी नेता सड़कों पर घूम रहे हैं और ये उनका अधिकार है।

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