बिहार फाउंड्री ने जीरो पॉल्यूशन की तरफ बढ़ाए कदम, चिमनी से धुआं निकलना हुआ बंद

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Eksandeshlive Desk

रामगढ़ : रामगढ़ शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापित बिहार फाउंड्री प्लांट ने जीरो पॉल्यूशन की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। लगभग दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को चिमनी से धुआं निकलना बंद हो गया है। निरंतर पॉल्यूशन की मिल रही शिकायत को दूर करते हुए प्लांट प्रबंधन ने कहा कि बिहार फाउंड्री पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। पावर प्लांट को शुरू करने के दौरान कुछ दिनों तक चिमनी से धुआं निकल रहा था। तकनीकी खामियों को दूर करने में कर्मचारी 24 घंटे लगे हुए थे। रविवार की सुबह प्रबंधन को सफलता मिली और अब प्लांट जीरो पॉल्यूशन की कगार पर पहुंच गया है।

पर्यावरण संतुलन बनाए रखना प्रबंधन का है लक्ष्य : बीएफसीएल के जीएम राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूरी तरह से समर्पित है और प्रदूषण मुक्त उद्योग संचालन की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। कंपनी की चिमनी से किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण नहीं हो रहा है। प्रबंधन का स्पष्ट कहना है कि कंपनी शून्य प्रदूषण के संकल्प के साथ काम कर रही है और इसे शीघ्र ही प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से, कंपनी की टीम आधुनिक उपकरणों के माध्यम से आसपास के गांवों में नियमित रूप से पर्यावरण की गुणवत्ता की जांच कर रही है। परीक्षणों से यह स्पष्ट हुआ है कि फैक्ट्री का उत्सर्जन सभी औद्योगिक मानकों के अनुरूप है।

8.67 एकड़ में लगाए जाएंगे पौधे : प्लांट प्रबंधन ने बताया कि 8.67 एकड़ में 3861 पौधे बिहार फाउंड्री की बाउंड्री वॉल के बगल में लगाने हैं। जिसमें काम तेज गति से चल रहा है। इसके अतिरिक्त, प्लांट परिसर की सीमा से सटे भूमि पर लगभग 3500 पौधे रोपित हो रहे हैं। इससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी और पर्यावरण अधिक स्वच्छ एवं सुरक्षित बनेगा। यह अभियान तेज़ी से प्रगति कर रहा है। राकेश गुप्ता ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व पुराने वीडियो और भ्रामक जानकारियों के माध्यम से प्लांट की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, सच्चाई यह है कि कंपनी पूरी पारदर्शिता के साथ पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन कर रही है और हरित उद्योग, स्वच्छ भविष्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए सतत कार्य कर रही है।