Eksandeshlive Desk
पटना : बिहार में पटना जिले के मसौढ़ी में ‘डॉग बाबू’ नाम से जारी निवास प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी जिला प्रशासन ने दी है। इसके साथ ही संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों पर जिलाधिकारी (डीएम) ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कुत्ता के लिए जारी किए गए प्रमाणपत्र का संज्ञान लेते हुए पटना जिला प्रशासन ने कहा कि आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पटना जिला प्रशासन के ट्विटर हैंडल एक्स पर जानकारी दी गयी कि “मसौढ़ी क्षेत्र में “कुत्ता बाबू” के नाम से निवास प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है। मामला संज्ञान में आते ही उक्त निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है। साथ ही, आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एसडीओ स्तर की जांच शुरू करने का निर्देश : पटना जिला प्रशासन ने इस मामले में अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) स्तर की जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन ने कहा कि मसौढ़ी के अनुमंडल अधिकारी को पूरे मामले की विस्तृत जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मीडिया में कुत्ता का निवास प्रमाणपत्र बनाने का मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल नेता इसपर जमकर टिप्पणी कर रहे हैं। नेता योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर प्रमाण पत्र को शेयर करते हुए लिखा, “यह वही निवास प्रमाणपत्र है, जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं से मांगा गया है।” योगेंद्र यादव ने आगे लिखा, “अपनी आंखों से देखिए! 24 जुलाई को बिहार में एक कुत्ते को निवास प्रमाणपत्र जारी हुआ। इसमें आधार और राशन कार्ड को फर्जी बताया जा रहा है।”
दिल्ली की एक महिला के दस्तावेज : पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने भी इसको लेकर निशाना साधा। पप्पू यादव ने कहा कि ‘कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाणपत्र, कोई प्रमाणपत्र न दे पाए इंसान, यह है मेरा भारत महान, क्या मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय, कहां गांजा फूंक सोए हो जनाब? आधार नहीं कुत्ते ने लाया है, आवासीय सर्टिफिकेट, क्या इसे अब मिलेगा वोट का अधिकार? उल्लेखनीय है कि प्रमाणपत्र पर ऑरिजिनल हस्ताक्षर राजस्व पदाधिकारी के हैं। इसके अलावा आरटीपीएस काउंटर पर बैठने वाले डाटा कर्मचारियों की भी लापरवाही उजागर हूई है। जब प्रमाणपत्र संख्या की जांच की गयी, तो पता चला कि यह असल में दिल्ली की एक महिला के दस्तावेज हैं। आधार कार्ड और पति से संबंधित दस्तावेज भी उसमें अपलोड थे।
बिहार में ‘डॉग बाबू’ को रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट, अभिषेक बनर्जी का चुनाव आयोग पर तीखा हमला : कोलकाता : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक “रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट” वायरल हुआ है। इसमें एक कुत्ते की तस्वीर है, जिसमें उसका नाम “डॉग बाबू” है। सर्टिफिकेट में पिता का नाम “कुत्ता बाबू” और मां का नाम “कुतिया देवी” लिखा है। इसी घटनाक्रम को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। सोमवार को दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि आम लोगों के नाम हटाकर अब कुत्तों के नाम पर रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग इस तरह के दस्तावेज एसआईआर प्रक्रिया में स्वीकार कर रहा है। अभिषेक बनर्जी ने आराेप लगाया कि इसका उद्देश्य फर्जी वोटर आईडी बनाकर भाजपा को चुनावी लाभ देना है, यह बिल्कुल स्पष्ट है। चुनाव आयोग भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहा है। बता दें कि, बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उसी में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर एक “रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट” वायरल हुआ है, जिसमें एक कुत्ते की तस्वीर है और उसका नाम है “डॉग बाबू”। हैरानी की बात यह है कि इस सर्टिफिकेट में उसके पिता का नाम लिखा है “कुत्ता बाबू” और मां का नाम “कुतिया देवी”। सरकारी दस्तावेज़ के अनुसार, ‘डॉग बाबू’ पटना के कौलीचक के वार्ड नंबर 15 का स्थायी निवासी है। सर्टिफिकेट पर बिहार सरकार की आधिकारिक मुहर भी लगी है। इस घटना के बाद बिहार के कई राजनीतिक दल के नेताओं ने चुनाव आयाेग की आलोचना की है।