Eksandeshlive Desk
पटना : बिहार के समस्तीपुर जिले के रामजी राज ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि उनकी चर्चा विदेशों में हाे रही है। रामजी ने नासा की वेबसाइट में एक गंभीर तकनीकी खामी (बग) का पता लगाकर न केवल उसे हैकिंग से बचाया, बल्कि उसे सुधारने की प्रक्रिया में भी सक्रिय योगदान दिया। इसके बदले में नासा ने उन्हें ‘हॉल ऑफ फेम’ में स्थान देकर सम्मानित किया है।
चुनिंदा हैकर्स की सूची में दर्ज है नाम : रामजी ने बताया कि उन्होंने 14 मई की रात लगभग 2 बजे साइबर सिक्योरिटी संबंधित अपनी खोज शुरू की। इस दौरान उन्होंने लगभग 50 वेबसाइटों को स्कैन किया, जिनमें नासा की आधिकारिक वेबसाइट भी शामिल थी। उन्हें इसमें एक खामी दिखी, जिसे उन्होंने तुरंत न केवल हैक करके परखा, बल्कि मेल के जरिए नासा को रिपोर्ट भी भेजी। उनकी रिपोर्ट को नासा ने 19 मई की दोपहर को आधिकारिक रूप से स्वीकार करते हुए वेबसाइट की सुरक्षा में सुधार किया। इसके बाद रामजी का नाम उन चुनिंदा हैकर्स की सूची में दर्ज किया गया, जो हैकर के रूप में इंटरनेट की दुनिया को सुरक्षित बनाने के लिए कार्य करते हैं।
सबसे पहले स्कूल की पेमेंट वेबसाइट को किया था हैक : रामजी बताते हैं कि वे बचपन से ही वीडियो गेम के शौकीन रहे हैं। गेम खेलते हुए ही उन्हें गेम डेवलपमेंट में रुचि जगी और यहीं से उनकी तकनीकी यात्रा की शुरुआत हुई। उन्होंने स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ इंटरनेट से कोडिंग सीखी और स्व-शिक्षा के माध्यम से खुद को विकसित किया। अपने शुरुआती प्रयासों में उन्होंने अपने स्कूल की पेमेंट वेबसाइट को सफलतापूर्वक हैक किया था। जब उन्होंने इसकी जानकारी अपने शिक्षक को दी, तो उन्हें सराहना और प्रोत्साहन मिला, जिससे उनका आत्मविश्वास और बढ़ा।
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए स्टार्टअप पर कर रहे है काम : रामजी वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एक स्टार्टअप पर काम कर रहे हैं। वे मानते हैं कि एआई ही भविष्य है और देश को इसमें अग्रणी बनने के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस की जरूरत है।
गुजरात पुलिस को साइबर सुरक्षा का दे चुके है प्रशिक्षण : रामजी ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से देशभर के छात्रों, छात्राओं और पुलिस अधिकारियों को साइबर सुरक्षा से संबंधित ट्रेनिंग दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गुजरात पुलिस को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उनके जीवन पर एक फिल्म भी बनाई है।