बिहार को कांग्रेस-राजद की बुरी नीयत से बचाने की जरूरत : प्रधानमंत्री

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य अब तेजी से विकास कर रहा है और माओवाद समाप्ति की ओर है। वहीं केंद्र और राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को बिहार में ही रोजगार देने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस नारे को दोहराया, “बनाएंगे नया बिहार फिर एक बार एनडीए सरकार।” राज्य के मुख्य विपक्षी दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को पिछड़ा विरोधी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पार्टियों ने अपने परिवार के बाहर किसी को सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “इन लोगों का अहंकार आज पूरा बिहार देख रहा है। हमें बिहार को इनकी बुरी नीयत से बचाकर रखना है।” प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क, मत्स्य पालन, आईटी और ग्रामीण विकास क्षेत्रों की परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने चंपारण को ऐतिहासिक धरती बताते हुए कहा कि यह धरती अब बिहार के नए भविष्य को बनाने में प्रेरित करेगी।

कई योजनाओं का किया उद्घाटन : इस दौरान विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के तेजी से हो रहे विकास और माओवाद के खत्म हो रहे प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चंपारण, गया, औरंगाबाद, जमुई जैसे जिलों में कभी माओवाद का अंधकार था, अब वहां के नौजवान बड़े सपने देख रहे हैं। माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि नीतीश सरकार ने पारदर्शिता के साथ लाखों युवाओं को नौकरी दी है। केंद्र सरकार भी इसमें पूरा सहयोग दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार आगे बढ़ रहा है, जिसके पीछे महिलाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने राजग सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जिनमें से 60 लाख बिहार में हैं। अकेले मोतिहारी में 3 लाख से अधिक पक्के घर दिए गए हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के राज में गरीब को पक्का घर मिलना असंभव था और लोग डर के कारण घरों में रंग-रोगन तक नहीं करवा पाते थे। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को जानना चाहिए कि राजद और कांग्रेस के शासनकाल में बिहार विकास से वंचित था। केंद्र सरकार ने बीते 10 वर्षों में बिहार को पहले से कई गुना अधिक राशि दी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि पूर्वी भारत में भी मुंबई, पुणे, सूरत और बंगलुरू जैसे औद्योगिक और विकास के केंद्र बनें। मोतिहारी, गया, पटना, संथाल परगना, जलपाईगुड़ी और वीरभूम जैसे क्षेत्रों को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी।प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कार्यक्रम के दौरान समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन की स्वचालित सिग्नलिंग, दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण, पाटलिपुत्र में वंदे भारत रखरखाव सुविधा और चार अमृत भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया। उन्होंने एनएच-319 और एनएच-333सी की परियोजनाएं शुरू कीं, दरभंगा और पटना में एसटीपीआई केंद्रों का उद्घाटन किया तथा मत्स्य पालन अवसंरचना की शुरुआत की। महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देते हुए 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये और 40,000 आवास योजना लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये जारी किए।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल को दी विकास परियोजनाओं की सौगात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 54 सौ करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘विकास से सशक्तिकरण’, ‘रोजगार से आत्मनिर्भरता’ और ‘संवेदनशीलता से सुशासन’ को भारत के विकास का मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में विकसित भारत के संकल्प की चर्चा हो रही है। इस दिशा में भारत में हो रहे बुनियादी बदलाव एक मजबूत आधार बना रहे हैं।प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दुर्गापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्गापुर में 54 सौ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि दुर्गापुर भारत की श्रमशक्ति का बड़ा केंद्र है और इन परियोजनाओं से क्षेत्र की कनेक्टिविटी, गैस आधारित अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को बल मिलेगा।

कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया : कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने तेल एवं गैस, बिजली, सड़क और रेल क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में बीपीसीएल की 1,950 करोड़ रुपये की सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी। इसके तहत घरों और व्यवसायों को पीएनजी और सीएनजी की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में गैस कनेक्टिविटी पर बहुत काम हुआ है। पिछले दशक में, हर घर तक एलपीजी पहुंची है और दुनिया ने इसकी सराहना की है। हमने वन नेशन, वन गैस विजन पर काम किया और प्रधानमंत्री ऊर्जा योजना बनाई। इसके तहत पश्चिम बंगाल सहित भारत के छह पूर्वी राज्यों में पाइपलाइन बिछाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने दुर्गापुर से कोलकाता तक 132 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया, जिसकी लागत 1,190 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 1,457 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली एफजीडी को भी राष्ट्र को समर्पित किया। रेल क्षेत्र में पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन के दोहरीकरण और तोपसी व पांडबेश्वर में 380 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए आरओबी का भी उद्घाटन किया गया।