यूनियन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश प्रभारी डॉ. शैलेश कुमार गिरि ने की घोषणा
Eksandeshlive Desk
पटना : बिहार में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा और प्रत्याशियों के नामांकन के बाद चुनाव प्रचार जो पकड़ रहा है। इस बीच, भारतीय हलधर किसान यूनियन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राष्ट्रीय कोर कमेटी उपाध्यक्ष सह बिहार प्रदेश प्रभारी डॉ. शैलेश कुमार गिरि ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य में जन सुराज पार्टी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि चूंकि हमें भी अपने 70 प्रतिशत किसानों की चिंता है इसलिए मैं बिहार और विशेष रूप से मांझी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान के लिए 24 अक्टूबर को पहुंच जाऊंगा और 25 से लगातार जन सूराज पार्टी के समर्थन में प्रचार करूंगा।
डॉ. शैलेश कुमार गिरि ने बिहार और मांझी के किसानों के अपील करते हुए कहना चाहता हूं कि अब चिंता बदलो — जात नहीं, जमीर की सोचो! उन्होंने कहा कि बिहार में एक सच्चाई आज भी जिंदा है —जहां लोग अपने घर की चिंता कम और जात की चिंता ज़्यादा करते हैं। 95 प्रतिशत चिंता “हमारी जात” के लिए… और बस 5 प्रतिशत “अपने बच्चों” के लिए! बेटा इंजीनियर बनना चाहता है, पर पिता पूछता है — “जात का झंडा ऊंचा रखा कि नहीं?” बेटी डॉक्टर बनना चाहती है, पर घरवाले कहते हैं — “अपनी बिरादरी में शादी होनी चाहिए। क्या यही वो बिहार है, जो कभी विद्या, बलिदान और संस्कार की धरती कहलाता था? “जहां शिक्षा थी शान, अब पहचान बनी बिरादरी, जहां विद्या थी सम्मान, अब वोट बनी बीमारी। जब पेट भूखा हो, तो जात पेट नहीं भरती, जब अस्पताल खाली हो, तो बिरादरी इलाज नहीं करती, और जब बेटा बेरोज़गार हो, तो कोई जात नौकरी नहीं देती — योग्यता देती है! “जात नहीं — कर्म पहचान है।” यही जन सूराज का विचार है- चिंता बदलो, चेतना जगाओ! क्योंकि जात नहीं बनाएगी बिहार और मांझी सोच बनाएगी बिहार और मांझी! “किसी की जात नहीं पूछता पेट की भूख, किसी की बिरादरी नहीं पूछता दिल का सुकून। इंसानियत ही असली पहचान है, बाक़ी सब राजनीति का जुनून!” “जन सूराज — सोच में बदलाव अब समय आ गया है, युवा साथियो —जात की नहीं, ज़मीर की चिंता करो! बिरादरी की नहीं, अपनी संतति की सोचो ! राजनीति की नहीं, अपने बिहार व मांझी की प्रतिष्ठा की चिंता करो! “उठो बिहारी और खास कर बिहारी छात्र युवाओं , अब फैसला तुम्हारे हाथ में है, दीवारें गिरा दो जो जात के नाम पे बनी हैं। नया बिहार और मांझी तब बनेगा, जब माँ कहे — बेटा, जात नहीं, इंसान बन।” “ना शोर चाहिए, ना झूठे नारे, हमें चाहिए सच के सहारे। जन सूराज के सपनों का वो बिहार और मांझी, जहां हर घर में हो इज़्जत, रोजगार और प्यार।” डॉ. शैलेश कुमार गिरि ने कहा कि मैं जनचेतना के प्रहरी के रूप में अपना सुझाव मांझी और बिहार के जनता जनार्दन के बीच रख रहा हूं।” हमारा संघर्ष किसी दल से नहीं, किसी व्यक्ति से नहीं — हमारी लड़ाई वर्तमान विधायक सतेन्द्र यादव के मानसिक गुलामी से है! और जब सोच बदलेगी, तो बिहार और मांझी अपने आप बदल जाएगा। “अगर चिंता बदल गई, तो बिहार और मांझी भी बदल जाएगा, जात के जाल से निकलो, जन सूरज के उजाले में चलो!”
