2024 लोकसभा चुनाव के लिए अब एक साल का भी कम समय बाकी है. 2024 के चुनाव को लेकर लगभग सभी पार्टियों ने अपने अपने स्तर पर तैयारियां शुरु कर दी है. लेकिन कर्नाटक में मिली करारी हार के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर काफी ज्यादा सतर्कता बरत रही है. 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने मिशन 2024 अभियान चलाया है. इसके तहत ही 2024 के चुनाव में जीत दर्ज करने की रणनीति बनाई जा रही है.
चुनावी तैयारियों को लेकर भाजपा सभी स्तरों पर प्रचार प्रसार के लिए अलग-अलग योजनाएं बना रही है. बीते कल यानी 30 मई को भाजपा ने महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत की है, इस महाजनसंपर्क अभियान के तहत भाजपा केंद्र सरकार के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी, केंद्र सरकार के कार्यों से लोगों को अवगत कराया जाना, जनमानस को केंद्र सरकार के कार्य उपलब्धियों के बारे में जागरुक करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है.इसके साथ ही पार्टी ने सोशल मीडिया और आईटी सेल की गतिविधियां भी बढ़ा दी है , इसके माध्यम से पार्टी सोशल मीडिया से भी लोगों से कनेक्शन डेवलप करने का पूरा प्रयास कर रही है.
अगर बात झारखंड के परिपेक्ष्य में करें तो,
रिपोर्ट्स बताते हैं कि इस बार भाजपा झारखंड फतेह के लिए अलग रणनीति में काम कर रही है. इस बार झारखंड के कुछ सीटों की जिम्मेदारी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी सौंपी गई है. बता दें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए वसुंधरा राजे को झारखंड के गिरिडीह, दुमका ,गोड्डा और कोडरमा जिले की जिम्मेदारी दे दी गई है. साथ ही कई केंद्रीय नेता भी इस बार झारखंड में अपनी ताकत दिखाते नजर आएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की भी शुरुआत करेने वाले हैं. जिसमें झारखंड को बीजेपी आलाकमान ने चार भागों में रखा है, जिसमें बीजेपी के कई दिग्गज नेता झारखंड फतह करने की भरसक कोशिश करेंगे.
कोल्हान में वापसी करना बहुत बड़ी चुनौती साबित होगी
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक 33.37 फीसदी वोट मिले थे लेकिन फिर भी भाजपा सरकार बनाने में नाकामयाब रही और 2019 के चुनाव में ही भाजपा कोल्हान प्रमंडल में खाता भी नहीं खोल पाई. कोल्हान प्रमंडल के 14 सीटों में से भाजपा एक भी सीट पर जीत दर्ज करने में असफल रही. कोल्हान के इस हार में खुद प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शामिल थे, जमशेदपुर पूर्वी से उन्हें शिकस्त खानी पड़ी थी. रघुवर दास को उन्हीं के सरकार में मंत्री रहे ररयू राय ने निर्दलीय सीट से लड़कर 27,000 वोटों से हरा दिया था. अब 2024 में भाजपा की सबसे पैनी नजर कोल्हान प्रमंडल की 14 सीटों पर ही बनी हुई है. भाजपा कोल्हान में वापसी करने के लिए अपनी रणनीतियां तैयार करने में जुटी है. कोल्हान में भाजपा को शून्य से शुरु आत करनी होगी और यह पार्टी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है.
झारखंड में भाजपा विधानसभा सीटों के साथ साथ अपनी लोकसभा में खोई हुई सीटों को वापस पाने के लिए भी तैयारी में है. झारखंड से राजमहल और सिंहभूम लोकसभा सीटों पर भी वापसी करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी.
इसके साथ ही पार्टी खूंटी और लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में भी बूथों को मजबूत कर रही है. पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय पदाधिकारी लगातार इन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. भाजपा झारखंड में हारी हुई सीटें और कमजोर सीटों पर पार्टी मजबूत टीम तैयार कर रही है. प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं का भी इन लोकसभा सीटों पर लगातार दौरा चल रहा है.
पार्टी अपने नेताओं को लेकर भी अलग से योजना बना रही है. पार्टी अपने अनुभवी और युवा नेताओं को आगे लाने की योजना बनी है. वैसे नेताओं को प्रमोट किया जा रहा है, जिनमें नेतृत्व करने की क्षमता है और जनता के बीच अच्छी पकड़ है. इसके साथ संगठन से कट चुके वरिष्ठ नेताओं और पुराने कार्यकर्ताओं को भी पार्टी अब एक्टिव कर रही है.
अब देखना होगा कि आने वाले समय में पार्टी अपने रणनीतियों पर खरी उतर पाती है या नहीं.