ब्रेल नेत्रहीनों के जीवन में पठन पाठन के लिए मील का पत्थर के रूप में साबित हुआ : रूंगटा

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Eksandeshlive Desk

रांची : लुई ब्रेल जयंती सप्ताह के अवसर पर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव आदरणीय संतोष कुमार रूंगटा जी ने अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी सभी नेत्रहीन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। यह एक शुभ अवसर है जिसे कभी नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि यह दिन सबसे कीमती दिन है जब एक महान आत्मा हमारे जीवन को प्रबुद्ध करने के लिए पृथ्वी पर आए थे। उस महान आत्मा ने हमें अपनी मौजूदगी से परिचित कराया। उस महान आत्मा ने हमें अपने समाज और अपने परिवार की सेवा करने के लायक बनाने में सक्षम बनाया। उन्होंने हमें दुनिया को बदलने के लिए योगदान देने में सक्षम बनाया। वे महान आत्मा “लुई ब्रेल” थे। ब्रेल का आविष्कार करके उन्होंने हमें दुनिया को देखने के लिए दृष्टि दी।
आज नेत्रहीन जिस माध्यम से अपनी शिक्षा दीक्षा प्राप्त कर रहे है वह ब्रेल लिपि के माध्यम से संभव है। ब्रेल नेत्रहीनों के जीवन में पठन पाठन के लिए मील का पत्थर के रूप में साबित हुआ है। सभी नेत्रहीन छात्र छात्राओं से उन्होंने विशेष अनुरोध किया है कि आज का युग तकनीक का युग है और ज्यादा लोग तकनीक के तरफ अपनी झुकाओ को बढ़ा रहे है, परंतु लिखने और पढ़ने में जो मदद ब्रेल कर पाएगी वो तकनीक के माध्यम से न तो छात्र छात्राओं व पाठको का शब्दकोश न अक्षर ज्ञान बढ़ा पाएगी। हम सबको आधुनिक युग के साथ चलना भी है परंतु ब्रेल की महत्त्व को कम नही करना है।
वही झारखंड राष्ट्रीय दृष्टिहीन शाखा के अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आदरणीय श्री संतोष कुमार रूंगटा जी अपनी शिक्षा दीक्षा ब्रेल के माध्यम से कर आज सर्वोच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता के रूप में कार्य कर दिव्यांग जन व नेत्रहीनों की समस्याओं को लेकर 50 वर्षों से भी अधिक लगातार कानूनी लड़ाई के माध्यम से उनके अधिकारों के प्रति सजग रहते है और नेत्रहीनों को समाज की मुख्यधार से जोड़ने हेतु निरंतर प्रयासरत रहते है, चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, रोजगार का क्षेत्र हो, खेलकूद का क्षेत्र हो। बेरोजगार साथियों के लिए भी कल्याणकारी योजना को चला कर उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते है।
अरुण कुमार सिंह ने बताया महासचिव एस के रूंगटा जी अपनी ज्ञान के माध्यम से देश में विकलांग जनों के लिए बने कानून, चाहे वह 1995 का कानून हो या 2016 का दिव्यांग अधिकार अधिनियम कानून, ये सब कानून बनवाने में इनका काफी योगदान रहा। झारखंड राज्य के दृष्टिबाधितों के हितों के लिए राष्ट्रीय दृष्टिहीन शाखा झारखंड पूरी सजग होकर काम करेगी साथ ही राज्य सरकार से यह निवेदन करती है कि आगामी वर्ष से 4 जनवरी लुई ब्रेल जयंती के अवसर पर सरकारी अवकाश घोषणा करने की कृपा करें तथा दिव्यांगों के प्रति बने कानूनों को धरातल पर पूर्ण रूप से लागू करने का काम करें।