भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इसी को लेकर महिला पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठी हैं. इन महिला पहलवानों के याचिका पर आज गुरुवार (04.05.2023) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि अब तक सभी पीड़िताओं के बयान क्यों दर्ज नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि सभी पीड़िताओं के बयान मजिस्ट्रेट के सामने कब दर्ज कराए जाएंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR कराने को लेकर थी. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि अब FIR दर्ज हो गई है. ऐसे में सर्वोच्च न्यायलय ने अब यह याचिका को बंद करने की बात कही है. इसके साथ ही पीड़ित अब स्वतंत्र है न्यायिक मजिस्ट्रट या हाई कोर्ट के पास जाने के लिए .
सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वे अब क्या चाहते हैं? याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा है. अब एफआईआर हो गया है. इसके अलावा पीड़ितों को सुरक्षा देने के लिए हमने आदेश पास किया था. इस पर डीसीपी दिल्ली पुलिस के तरफ से सभी को सुरक्षा प्रदान की गई है. ऐसे में अब इस याचिका को हम बंद करते हैं.
साथ ही साथ आपको बता दें कि कल रात पुलिस द्वारा पहलवानों के साथ बदसलुकी और उनकी पिटाई भी की गई. इसमें कुछ पहलवान को चोटें भी आई है. ऐसे में पहलवान गुस्से में हैं. इस पर विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने अपने मेडल लौटाने तक की बात कह दी है.
क्या है पूरा मामला
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप पर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने सात महिला पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराई है. जिसमें हर पहलवान को एक-एक पीएसओ मुहैया करया गया है. 24 घंटे पीएसओ पहलवानों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे. महिला पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि पहला एफआईआर एक नाबालिग ने दर्ज कराया है. (पॉक्सो) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का भी आरोप लगा है.