Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : ब्रिटिश नौसेना के लड़ाकू विमान एफ-35 ने शनिवार रात ईंधन कम होने के कारण तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की है। भारतीय वायु सेना ने उड़ान सुरक्षा कारणों से तत्काल सहायता पहुंचाई और आगे भी सभी मदद दी जा रही है। विमान रविवार को भी तिरुवनंतपुरम में ही है, इसलिए वायु सेना सभी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है। विमान में ईंधन भरने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने बताया कि यूके नौसेना के एफ-35 लड़ाकू विमान ने इस क्षेत्र में संचालित एक ब्रिटिश विमानवाहक पोत से उड़ान भरी और रात करीब 9.30 बजे तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतरा। जेट की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डे के अधिकारियों ने आपातकाल का ऐलान किया था। पायलट ने ईंधन कम होने की सूचना दी और उतरने की अनुमति मांगी। ईंधन कम होने के कारण तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की। इसके बाद सब कुछ जल्दी और पेशेवर तरीके से संभाला गया।
भारतीय वायु सेना ने ब्रिटिश एफ-35 की आपातकालीन लैंडिंग को डायवर्सन की सामान्य घटना बताया है। इस घटना से आईएएफ पूरी तरह से अवगत है और उड़ान सुरक्षा कारणों से विमान की सहायता की है। आगे भी विमान को सभी तरह की सहायता दी जा रही है और सभी एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है। एफ-35 लड़ाकू विमान को फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच हवाई अड्डे पर खड़ा किया गया है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद ईंधन भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जैसा कि भारतीय हवाई क्षेत्र में संचालित होने वाले किसी भी विदेशी सैन्य विमान के लिए आवश्यक है।
दरअसल, भारतीय नौसेना और यूनाइटेड किंगडम के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (यूके सीएसजी25) ने इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिमी अरब सागर में एक संयुक्त नौ-सैनिक अभ्यास किया, जिसे आमतौर पर पैसेज एक्सरसाइज के रूप में जाना जाता है। यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की एक पोस्ट में कहा गया, “यूके सीएसजी25 पश्चिमी अरब सागर में अभ्यास के लिए भारतीय नौसेना में शामिल हुआ।” दो दिवसीय अभ्यास में समन्वित पनडुब्बी रोधी अभियान, सामरिक युद्धाभ्यास, हेलीकॉप्टरों का एकीकृत नियंत्रण और नौसेना अधिकारियों के बीच पेशेवर आदान-प्रदान जैसी विभिन्न नौसैनिक गतिविधियां शामिल थीं।