Eksandeshlive Desk
रांची : चारा घोटाला के देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित तीन सजायाफ्ताओं की सजा बढ़ाने को लेकर दाखिल सीबीआई की याचिका पर शुक्रवार को आंशिक सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। हाई कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तिथि निर्धारित की है। मामले में छह में से अभी सिर्फ तीन सजायाफ्ता लालू प्रसाद, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्य की सजा को बढ़ाने के मामले में सुनवाई चल रही है। बाकी तीन का निधन हो चुका है। सीबीआई की ओर से सजा बढ़ाने के आग्रह किए गए छह आरोपियों में से फूलचंद सिंह, आरके राणा समेत तीन सजायाफ्ताओं का निधन हो चुका है। पूर्व में कोर्ट ने सजायाफ्ता फूलचंद सिंह, आरके राणा सहित तीन का नाम इस केस से हटाने का आदेश दिया था। एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि फूलचंद सिंह और आर के राणा की मृत्यु हो गई है। इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका से इनका नाम हटाने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद, बेक जूलियस, सुबीर भट्टाचार्य सहित छह सजायाफ्ता को तीन से छह साल की सजा सुनाई गई है। इन्हें सीबीआई ने इन्हें अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि लालू प्रसाद को इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा मिली है इन्हें अधिकतम सात साल की सजा मिलनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर सीबीआई ने बहस के लिए मांगा समय : राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ओर से निचली अदालत की ओर से आरोप गठित किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले में सीबीआई ने बहस के लिए समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने अंतिम अवसर प्रदान करते हुए दो सप्ताह के बाद सुनवाई की तिथि निर्धारित की। पिछली सुनवाई में तीसरी बार मधु कोड़ा की ओर से समय मांगे जाने पर कोर्ट ने उनपर 4000 रुपये का जुर्माना लगाया था। उल्लेखनीय है कि मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री के उच्च पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आईवीआरसीएल के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपए घूस ली। साथ ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसे लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर दे दिया। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, इसमें मधु कोड़ा ढाई साल तक जेल में रहे थे। उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी। आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने हैदराबाद की ब्लैक लिस्टेड कंपनी आईवीआरसीएल को काम दिया था। वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के लिए झारखंड को केंद्र से 467.76 करोड़ रुपये मिले थे। इस परियोजना के तहत झारखंड के छह जिलों के 27359 गांवों का विद्युतीकरण किया जाना था। इससे 29.26 लाख परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलता।