चीन के साथ बीआरआई समझौते पर हस्ताक्षर का नेपाल के दो पूर्व विदेश मंत्रियों ने किया विरोध

INTERNATIONAL

Eksandeshlive Desk

काठमांडू : नेपाल और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड कार्यान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर होने को लेकर सत्तारूढ़ दल के भीतर से ही असंतुष्टि के स्वर उठने लगे हैं। प्रधानमंत्री ओली की सरकार को समर्थन कर रहे नेपाली कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं ने इस समझौते का विरोध किया है। यह दोनों नेता पूर्व की सरकारों में विदेश मंत्री रह चुके हैं।

पार्टी के निर्णय के विपरीत समझौता करना गलत

नेपाली कांग्रेस के नेता तथा प्रचंड सरकार में विदेश मंत्री रहे एनपी साउद ने कहा है कि पार्टी के निर्णय के विपरीत जाकर यह समझौता करना गलत है। उन्होंने कहा कि जब चीन के साथ ऋण लेकर बीआरआई पर कोई समझौता न करने का निर्णय लिया गया था, तब कैसे ऋण के साथ समझौता किया गया। कांग्रेसी नेता ने कहा कि इस बारे में पार्टी में गंभीर रूप से चर्चा किए जाने की आवश्यकता है। साउद ने यह भी कहा कि चीन के साथ ऋण में समझौता करने से नेपाल के अपने अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी होगी।

यह समझौता गठबंधन को भी धोखा देने जैसा है

इसी तरह नेपाली कांग्रेस के एक अन्य नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत ने कहा कि न सिर्फ पार्टी के भीतर, बल्कि गठबंधन में भी यह आधिकारिक निर्णय लिया गया था कि बीआरआई में चीन से ऋण लेकर कोई परियोजना नहीं बनानी है, लेकिन जिस तरह की खबरें आ रही है उसमें चीन ने अनुदान शब्द को हटाकर फाइनेंशियल असिस्टेंट रखा है, जिसका मतलब ही है कि ऋण लेने का रास्ता खुल गया है। महत ने कहा कि यदि ऐसा है तो यह चिंता की बात है। अगर प्रधानमंत्री ने इस तरह का समझौता पर हस्ताक्षर किये हैं तो यह गठबंधन को धोखा देने जैसा है।