छबील देवी की सफलता की कहानी

360°

AMIT RANJAN

सिमडेगा: कोबांग की रहने वाली छबील देवी खेती करके अपनी आजीविका चला रही थी। किंतु सालों भर खेती नही कर पाने के कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था। भरण पोषण, परिवार चलाने में काफी कठनाई हो रही थी।

वर्ष 2016 में मुस्कान स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद छबील दीदी नियमित रूप से समूह की बैठक में भाग लेती। समय -समय पर जे एस एल पी एस के द्वारा आजीविका संबर्धन हेतु कार्यशाला आदि का आयोजन किया जाता उसमे भी वो भाग लेती। इस क्रम में आजीविका हेतु 2 से 3 गतिविधि अपनाने के विषय में जानकारी मिला। दीदी अपना आजीविका बढ़ाने के लिए आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त की तदोपरांत 15000 हज़ार रुपए समूह से लेकर बकरी पालन करना शुरू की। प्रारंभ में पांच बकरी खरीदी। दीदी के पास अभी 32 छोटे बड़े बकरी हैं। जिससे दीदी सालाना 4 से 5 खासी बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रही है और अपना आजीविका में उत्तरोत्तर वृद्धि कर रही। छबील देवी जेएसएलपीएस को धन्यवाद देते हुए कहती है कि समूह से जुड़कर ही उन्होंने अपनी आजीविका में बढ़ोतरी की है। दीदी खेती बाड़ी के साथ- साथ बकरी पालन कर सालाना डेढ़ लाख रुपये तक कमा रही है।