Eksandesh Desk
लातेहार: माओवादियों के रिजनल कमांडर छोटू खरवार उर्फ बिरजू सिंह उर्फ छोटू जी की हत्या शव मिलने के दो दिन पहले ही कर दिया गया था। उसके साथियों ने ही उसकी हत्या की पहले तो शव को पहले दिन शव को एक गड्डे में छिपा कर रखे हुये थे बाद में शव को छापर अमवाटीकर जाने वाली रास्ते में रख दिया गया गुरूवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने बताया कि छोटू खरवार का शव पिछले 27 नवंबर को छिपादोहर के छापर अमवाटीकर जाने वाले रास्ते में भीमपाव जंगल के पास बरामद किया गया था।
पुलिसिया अनुसंधान में पता चला कि छोटू खरवार की हत्या में शामिल दस्ता का सक्रिय सदस्य पूरन परहिया नावाडीह के चकलवा स्थित अपने घर में आया हुआ है। इस सूचना की सत्यापन के बाद एसडीपीओ बरवाडीह भरत राम के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया था। छापामारी दल ने छापामारी कर पूरन परहिया को गिरफ्तार कर लिया उसकी निशानदेही पर हत्या में शामिल तीन अन्य माआवेादियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
हत्या का कारणों के बारे में पूछे जाने पर गिरफ्तार माओवादियों ने बताया कि 25 नवंबर की रात में पैसों को ले कर मृत्युजंय भुइंया , छोटू खरवार , चंद्रदेव सिंह खरवार व दस्ता के अन्य सदस्यों के बीच कहा सुनी हुआ था । इसी क्रम में मृत्युजंय सिंह व चंद्रदेव सिंह खरवार ने मिल कर छोटू खरवार को गोली मार कर हत्या कर दिया। 26 नवंबर की सुबह साथियों के साथ मिल कर छोटू खरवार के शव को पास के ही ढ़ोढ़ा में गड्डा खोद कर छुपा दिया था , उसके बाद दूसरे दिन 27 नवंबर को अपने सहयोगियों की मदद से लाश को गड्डे से निकाल कर छापर अमवाटीकर जाने वाले रास्ते में फेकवा दिया था।