Eksandeshlive Desk
रायपुर/दुर्ग : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को दिल्ली से शराब कारोबारी विजय भाटिया को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपित को फ्लाइट के जरिए रायपुर लाया गया, जहां आरोपी को विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत न्यायालय रायपुर में प्रस्तुत किया जा रहा है। भाटिया पर आरोप है कि उन्होंने विदेशी शराब उत्पादक कंपनियों और सप्लायर्स से कमीशन वसूलने की साजिश रची और इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। इस अवैध लेन-देन के जरिए सरकार को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। जांच में यह भी सामने आया है कि भाटिया ने न केवल खुद को बल्कि अपने सहयोगियों और अन्य फर्मों को भी अवैध आर्थिक लाभ दिलवाया।
इस मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा अपराध क्रमांक 04/2024 के तहत भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी से संबंधित अपराध) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 12 (संशोधित अधिनियम 2018 के तहत) भी आरोप में शामिल हैं।गिरफ्तारी के बाद भाटिया के भिलाई और दुर्ग स्थित आवासों, फर्मों और उनसे जुड़े सहयोगियों-रिश्तेदारों यहां के कुल 8 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है। इस दौरान दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लेन-देन के रिकॉर्ड, फर्जी बिल और अन्य कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए गए हैं। विजय भाटिया ने शराब वितरण प्रणाली में अपने संपर्कों और पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की। यह धनराशि हवाला और फर्जी कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर की गई। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के अधिकारियों का कहना है कि छापों में मिली सामग्री की बारीकी से जांच की जा रही है और घोटाले में शामिल अन्य बड़े नामों का जल्द खुलासा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि भिलाई के कारोबारी विजय भाटिया को पाटन से कांग्रेस विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बेहद करीबी माना जाता है। विजय भाटिया ईडी जांच के दायरे में भी थे। हालांकि ईओडब्ल्यू ने जब शराब घोटाला मामले में जांच शुरू की थी, तभी से ही विजय भाटिया का नाम चर्चा में बना हुआ है।