छत्तीसगढ़ के सुकमा में 02 महिला सहित 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पांच नक्सलियों पर था 8.50 लाख का इनाम

CHHATTISHGARH

Eksandeshlive Desk

सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 02 महिला सहित समस्त 11 नक्सलियों ने शुक्रवार को बिना हथियार के पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें एक महिला सहित पांच नक्सलियों पर कुल 08 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। ये आत्मसमर्पित सभी नक्सली ग्राम पंचायत बडेसट्टी में सक्रिय थे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, एएसपी नक्सल ओपरेशन उमेश प्रसाद गुप्ता, एसडीओपी परमेश्वर तिलकवार, एएसपी नक्सल ऑप्स मनीष रात्रे उप पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने आत्मसमर्पण के बारे में बताया कि ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ की धारा 7.6.2 के अन्तर्गत ‘नक्सली इलवद पंचायत योजना’ के तहत नक्सलियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया है। छग शासन पद के अनुरूप आत्मसमर्पित 03 पुरुष और 01 महिला नक्सली पर 02-02 लाख रुपये और 01 पुरुष नक्सली पर 50 हजार सहित कुल 08 लाख 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ : उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ में नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत को 01 करोड़ रुपये विकास कार्य के लिए प्रोत्साहन देने की योजना है। नक्सलियों को आत्सममर्पण के लिए प्रोत्साहित कराने में जिला बल एवं डीआरजी सुकमा की विशेष भूमिका रही। एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन कि ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति.2025’, ‘नक्सली इलवद पंचायत योजना’ और सुकमा पुलिस के चलाये जा रहे ‘नियाद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होने के साथ अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने और पुलिस के बढ़ते प्रभाव से नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहायता मिली है। यही नही बाहरी नक्सलियों के भेदभाव करने और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर 11 नक्सलियों ने नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से आज आत्म समर्पण किया है। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति-2025’ के तहत प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये के मान से प्रोत्साहन राशि व कपड़े प्रदान किया गया एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

‘छत्तीसगढ़ का पहला नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत बना सुकमा जिले का बडेसट्टी गांव’

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बडेसट्टी गांव पहला नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत बन गया है। यह जानकारी शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दी। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने सुकमा जिले में 11 सक्रिय नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने आज अपने बयान में कहा, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के समाधान के लिए जिस संवेदनशील और दूरदर्शी नीति को अपनाया है, उसका परिणाम अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है।“ उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, “आज का आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि विश्वास, पुनर्वास और विकास की त्रिस्तरीय रणनीति से माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिल रही है। मैं आत्मसमर्पण करने वाले सभी का स्वागत करता हूँ और उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूँ। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस प्रकार बडेसट्टी ग्राम नक्सल सदस्य मुक्त होने वाला प्रदेश का पहला ग्राम पंचायत होगा। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यो की स्वीकृति मिलेगी।“

बस्तर सहित पूरे प्रदेश के ग्राम पंचायत अब नक्सलमुक्त होंगे : शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की ‘नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025’ और ‘नक्सली इलवद पंचायत योजना’ के तहत, सुकमा जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी से कुल 11 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में आत्मसमर्पण किया। ‘नियद नेल्लानार योजना’ पुलिस जवानों की सतत उपस्थिति, नक्सली संगठनों की क्रूरता और भेदभाव और शासन की नई नीतियों से मिले भरोसे से सफलता मिली है। यह घटना न केवल बड़ेसट्टी पंचायत के लिए, बल्कि समूचे सुकमा और बस्तर अंचल के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि अब बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग है।उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि अब नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है, निश्चित रूप से बस्तर सहित पूरे प्रदेश के ग्राम पंचायत अब नक्सलमुक्त होंगे। नक्सलमुक्त होते ही ग्राम पंचायत का भी विकास होगा। ‘नक्सली इलवद पंचायत योजना’ के तहत ऐसे ग्राम पंचायतों को जहाँ से सभी सक्रिय नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं, ‘नक्सल-मुक्त ग्राम पंचायत’ घोषित किया जाता है। शासन की इस योजना के अंतर्गत ऐसे ग्राम पंचायतों को 1 करोड़ की राशि निर्माण कार्यों के लिए तत्काल स्वीकृत की जाती है। यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, सामुदायिक भवन जैसे प्राथमिक ढांचे के विकास में व्यय की जाती है, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके।