Eksandeshlive Desk
चित्रकूट (एमपी). धार्मिक नगरी चित्रकूट में पशुधन की धूम है. दिवाली के दूसरे दिन लगने वाले गधा मेले में रौनक है. मंदाकिनी नदी के किनारे हजारों की संख्या में गधों और खच्चरों का मेला लगा है, जिसकी बाकायदा नगर पंचायत ने व्यवस्था की है. मेले में देश के कोने-कोने से गधा व्यापारी अपने पशुओं के साथ आए हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस मेले में फिल्मी सितारों के नाम से गधे और खच्चर बिकते हैं. इनके नाम शाहरुख, सलमान आमिर, कैटरीना आदि होते हैं. इस बार अभी तक सबसे महंगी कैटरीना खच्चर घोड़ी 41 हजार में बिकी है. उसे मेरठ के निशमुद्दीन ने खरीदा. निशमुद्दीन कटरीना को अपने साथ माल वाहक वाहन से लेकर मेरठ रवाना हो गए. वहीं, सलमान की बोली 1 लाख 10 हजार रुपए तक पहुंच गई.
मंदाकिनी नदी के किनारे लगने वाले इस मेले की परंपरा बहुत पुरानी है. इस मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब ने की थी. औरंगजेब ने चित्रकूट के इसी मेले से अपनी सेना के बेड़े में गधों और खच्चरों को शामिल किया था. इसलिए इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है. इस मेले में एक लाख तक के गधे बिकते हैं.
चित्रकूट नगर पंचायत से सीएमओ विशाल सिंह ने बताया कि मेला स्थल पर व्यवस्था प्रशासन की तरफ से कराई जाती है. यह मेला काफी पुराना है. इसी स्थान पर एक मंदिर भी बना हुआ है, जिसे औरंगजेब मंदिर के नाम से पहचाना जाता है. एसडीएम मझगवां जितेंद्र वर्मा भी व्यवस्थाएं देखने मेला स्थल पर पहुंचे.
मुगल काल से चली आ रही ये परंपरा सुविधाओं के अभाव में अब लगभग खात्मे की कगार पर है. नदी के किनारे भीषण गंदगी के बीच लगने वाले इस मेले में व्यापारियों को न तो पीने का पानी मुहैया होता है, और न ही छाया. दो दिवसीय गधा मेले में सुरक्षा के नाम पर होमगार्ड तक के जवान नहीं लगाए जाते. वहीं व्यापारियों के जानवर बिकें या न बिकें ठेकेदार उनसे पैसे वसूल लेते हैं. ऐसी हालत में यह ऐतिहासिक गधा मेला अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. धीरे-धीरे व्यापारियों का आना कम हो रहा है. वहीं, गधा व्यापारियों ने बताया कि मेले में ठेकेदार द्वारा 30 रु प्रति खूंटा जानवर के बाँधने का लिया जाता है एवं 600 रु प्रति जानवर इंट्री का लिया जाता हैं और सुविधा कुछ नहीं दी जातीं. गधे व्यापारी ने इसे अवैध वसूली बताया है.