Eksandeshlive Desk
ढाका : बांग्लादेश में गिरफ्तार हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के लिए अंतरिम सरकार की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज के लिए सुकून भरी यह खबर है कि चट्टोग्राम मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम की अदालत में उनकी जमानत याचिका पर पैरवी के लिए स्थानीय वकील सुमित आचार्य तैयार हो गए हैं। वह अदालत में हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील रवीन्द्र घोष के साथ इस केस को लड़ेंगे।
सत्र न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी
द डेली स्टार समाचार पत्र के अनुसार चट्टोग्राम मेट्रोपॉलिटन के सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने गुरुवार को हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील घोष से कहा था कि वे इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की ओर से सुनवाई करने के लिए चट्टोग्राम से एक वकील खोजें। इसके बाद रवीन्द्र घोष ने स्थानीय वकील सुमित आचार्य को अपने साथ खड़ा करने का फैसला किया। सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने बुधवार को चिन्मय की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि वकील रवीन्द्र घोष के पास अदालत में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकालतनामा नहीं है। रवीन्द्र घोष ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने स्वीकार कर लिया है कि वह मामले की सुनवाई करेगी। वह चिन्मय के वकीलों की सहायता के लिए यहां आए हैं। स्थानीय वकील सुरक्षा कारणों से सामने आने से डर रहे हैं। अब उम्मीद है कि कुछ अच्छा होगा। हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील घोष ने कहा कि वह जेल से चिन्मय का वकालतनामा लाकर अदालत में जमा करवा चुके हैं।