Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू नहीं करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है। धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पीएम श्री स्कूल को लेकर डीएमके सांसद टी सुमति के एक सवाल के जवाब में कहा कि एक समय पीएम श्री योजना को स्वीकार करने के लिए तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए तैयार थी, लेकिन बाद में उसने इस मुद्दे पर यूटर्न ले लिया।
तमिलनाडु में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के मुद्दे पर सोमवार को सदन में डीएमके सांसद अपना विरोध जताने के लिए वेल में आ गए। डीएमके सांसदों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा, “वे असभ्य, अलोकतांत्रिक लोग हैं और तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। वे तमिलनाडु के लोगों के प्रति बेईमान हैं। यह लोग राष्ट्र को गुमराह कर रहे हैं।” लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिनके पास ठोस तथ्य नहीं हैं, वे केवल हंगामा करके दूसरों को भ्रमित करना चाहते हैं। मैंने आज भी विनम्रता से कहा कि आज 10 मार्च है और इस वित्तीय वर्ष के पूरा होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं। पिछले दिनों में केंद्र सरकार की तमिलनाडु सरकार के साथ जो चर्चा हुई है, उसमें समझौते का एक रास्ता भी निकला था। उसी रास्ते पर तमिलनाडु सरकार सहमत हो जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु को पीएम श्री योजना का आवंटन देने में कोई समस्या नहीं है लेकिन वे इसमें रुचि नहीं रखते हैं। जो लोग पीएम श्री योजना में शामिल नहीं होना चाहते हैं, मैं उनसे अपील करता हूं, पीएम श्री योजना में सभी का हित है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन सहित शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच विवाद चल रहा है। तमिलनाडु ने एनईपी के तहत पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) कार्यक्रम के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है, जहां समग्र शिक्षा फंड का इस्तेमाल किया जाना था। हाल ही में यह विवाद और बढ़ गया जब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि समग्र शिक्षा योजना के तहत केंद्रीय निधि तब तक रोकी जाएगी, जब तक तमिलनाडु एनईपी को पूरी तरह से लागू नहीं कर देता।
केवल भावना भड़का रही द्रमुकः निशिकांत दुबे
लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई बहस के बीच भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने तमिलनाडु के क्षेत्रीय राजनीतिक दल एवं सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) पर अलगाव की भावना भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि द्रमुक देश के ताने-बाने को तोड़ना चाहती है। निशिंकात दुबे ने लोकसभा में कहा कि तीन भाषा फार्मूले का विरोध कर द्रमुक पार्टी असल में तेलगु, कन्नड़, तमिल, मैथली और संथाली का विरोध कर रही है। वे केवल ब्रिटिश लोगों की अंग्रेजी को ही लागू करना चाहते हैं। दुबे ने कहा कि तमिल देश की प्राचीन भाषाओं में से एक है लेकिन संस्कृत उससे भी कहीं अधिक पुरानी भाषा है। देश के हर मंदिर में पूजा अर्चना संस्कृत भाषा के माध्यम से होती है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि द्रमुक सरकार तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू नहीं करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है।