Eksandeshlive Desk
रांची : शहरी नक्सली और ईसाई प्रचारकों का गठबंधन है। अर्बन नक्सली हिंदुत्व और देश के विकास का विरोध करते हैं। अत: वे हिन्दू धर्म, देश और संस्कृति के अदृश्य शत्रु हैं। शहरी नक्सलियों ने मीडिया में ‘विचारक’ के रूप में अपनी जगह बना ली है। सोशल मीडिया ईसाई समर्थक ‘यूट्यूबर्स’ से भर गया है। हमारे लोग उन्हें रोकने में असमर्थ रहे हैं। प्रत्येक जिले में उनके ‘यूट्यूबर्स’ हैं। उस माध्यम से वे केंद्र सरकार और हिंदू धर्म के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। हमें उनके जाल को नष्ट करने के लिए एक ‘इकोसिस्टम’ (एक ऐसा सिस्टम जो किसी विचार को व्यवस्थित रूप से प्रचारित करता है) भी बनाने की जरूरत है। इसके लिए हिंदू संगठनों को गांवों में अपना सिस्टम बनाना होगा और देश में शहरी नक्सली जो झूठा माहौल बना रहे हैं, उसका पदार्फाश करना होगा, ऐसा झारखंड में रांची सिटीजन फोरम के उपाध्यक्ष रेणुका तिवारी ने कही। वे हिंदू जनजागृति समिति द्वारा रामनाथ देवस्थान, फोंडा, गोवा मे आयोजित वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव में ‘झारखंड में शहरी नक्सलवाद’ विषय पर बोल रही थीं।
डॉ. तिवारी ने आगे कहा, ”नक्सलियों ने भारत के 150 जिलों में व्यवस्था को नष्ट कर दिया है। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद नक्सलियों पर काबू पाने के लिए बड़े प्रयास किए गए। इसके बाद नक्सलियों ने अर्बन नक्सली नाम से एक नई व्यवस्था बनाई। उनके पास कोई पारंपरिक हथियार नहीं हैं, लेकिन इससे भी अधिक भयावह हैं प्रसार, प्रचार, लेखन और मीडिया के हथियार। उनमें मीडिया से लड़ने और जंगल में नक्सलवाद का समर्थन करने की शक्ति है। अपनी योजना के अनुसार, वह अपने नेटवर्क में वकीलों, प्रोफेसरों, महिलाओं और छात्रों को शामिल करने में सफल रहे हैं।
‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ में रांची, झारखंड के ‘रांची सिटीजन फोरम’ के उपाध्यक्ष डॉ. रेणुका तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘अलविदा लाल सलाम’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कर्नाटक विधान परिषद के पूर्व सदस्य एवं लेखक डा. एस.आर. लीला, हिंदू जनजागृति समिति की संभाजीनगर जिला संयोजिका सुश्री प्रियंका लोन एवं हिन्दू जनजागृति समिति की कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर उपस्थित थीं।