दिल्ली विस्फोट मामले की एनआईए करेगी जांच

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद लिया गया निर्णय

Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में लाल किला के पास सोमवार शाम हुए कार विस्फोट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद लिया गया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त और एनआईए के महानिदेशक मौजूद थे, जबकि जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लिया। सूत्रों ने बताया कि बैठक में जांच की प्रारंभिक प्रगति और धमाके के संभावित आतंकी कोण पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद मामले को एनआईए को सौंपने का निर्णय लिया गया ताकि इसकी गहन और व्यापक जांच की जा सके। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंगोला से गृहमंत्री अमित शाह से फ़ोन पर बात की और दिल्ली विस्फोट के बारे में जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि सोमवार शाम लाल किला के पास खड़ी एक कार में हुए भीषण विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा और क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई थी। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने घटनास्थल से विस्फोटक सामग्री के कुछ नमूने जब्त किए हैं। एनआईए की टीमें अब मामले की आगे की जांच संभालेंगी।

अब तक 10 की मौत, जांच में जुटी एजेंसियां, कार का रूट मैप पुलिस के हाथ लगा : दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गयी हैै। पुलिस और जांच एजेंसियां धमाके के कारणों की तह तक पहुंचने में जोरशोर से जुटी हुई हैं। वहीं शुरुआती जांच में देवेंद्र और दिनेश नाम के दो व्यक्तियों के नाम सामने आने के बावजूद अब तक दोनों की इस घटना में कोई भूमिका सामने नहीं आ सकी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमाका जिस हुंडई आई-20 कार में हुआ, उसका मालिकाना हक पहले देवेंद्र के पास था। देवेंद्र ओखला का रहने वाला है और करीब डेढ़ साल पहले उसने यह कार खरीदी थी। हालांकि, हाल ही में यानी 29 अक्टूबर को यह कार किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। वहीं इस पूरे मामले की जांच अब एनआईए करेगी। जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोट से करीब 11 घंटे पहले यह कार फरीदाबाद से लाल किले की ओर निकली थी। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, सोमवार सुबह 7:30 बजे कार सबसे पहले फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के बाहर दिखाई दी। इसके बाद सुबह 8:13 बजे बदरपुर टोल पार कर यह दिल्ली में दाखिल हुई। सुबह 8:20 बजे यह ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के पास एक पेट्रोल पंप के समीप देखी गई। दोपहर 3:19 बजे कार लाल किला परिसर के पास स्थित पार्किंग में दाखिल हुई और करीब तीन घंटे तक वहीं खड़ी रही। शाम 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली और लाल किले की ओर बढ़ी। मात्र 24 मिनट बाद यानी शाम 6:52 बजे, चलते-चलते ही कार में जोरदार विस्फोट हो गया।पुलिस को पता चला है कि जब 29 अक्टूबर को इस कार का प्रदूषण स्तर चेक कराया गया था, उस समय उसमें तीन लोग मौजूद थे। उनकी पहचान और लोकेशन का पता लगाने के लिए पुलिस तकनीकी जांच कर रही है। मामले की जांच में एक और अहम नाम उभरकर सामने आया है- डॉ. उमर मोहम्मद। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के संपर्क में है और उमर मोहम्मद की भूमिका की जांच की जा रही है। फिलहाल, दिल्ली पुलिस, एनआईए और फॉरेंसिक टीमें मिलकर हर कोण से मामले की जांच में जुटी हुई हैं।

कांग्रेस की मांग-दिल्ली विस्फोट के कारणों का जल्द पता लगाए सरकार : कांग्रेस ने दिल्ली में लाल किला के पास हुए विस्फोट पर चिंता जताते हुए सरकार से इसके कारणों का जल्द पता लगाने की मांग की है। कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि इस धमाके के पीछे कौन लोग हैं और इसकी वजह क्या है, इसका पता जल्द लगाया जाना चाहिए। खेड़ा ने कहा कि देश में चिंता और भय का माहौल है। देश के मन में बहुत सारे सवाल हैं, जिनके जवाब मिलने चाहिए। यह धमाका किसने कराया और इसके पीछे क्या सच्चाई है, जब तक सरकार इस पर जानकारी नहीं देती, तब तक इस मुद्दे पर बोलना वाजिब नहीं होगा। खेड़ा ने कहा कि देश की राजधानी में इस तरह का धमाका होना कई बड़े सवाल खड़े करता है। सरकार इस घटना की सच्चाई जल्द सामने लाये ताकि लोगों के मन में फैली आशंकाएं दूर हो सकें।

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