दिशोम गुरु एक जीवंत विचारधारा का अंत : नायक

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Eksandeshlive Desk

रांची : आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने झारखंड आंदोलन के अग्रदूत और झामुमो के संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गुरुजी का इस संसार से जाना केवल एक महान नेता की विदाई नहीं, बल्कि एक युग और एक जीवंत विचारधारा का अंत है।

नायक ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड के आदिवासी-मूलवासी समाज की आत्मा थे। उन्होंने जल, जंगल और जमीन की लड़ाई को केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना से जोड़ा। उन्होंने आदिवासी अस्मिता, स्वाभिमान और अधिकारों की रक्षा के लिए जीवन भर संघर्ष किया। नायक ने कहा कि गुरुजी ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, कई बार जेल गए, लेकिन कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका नेतृत्व, सादगी, संघर्षशीलता और जनता के प्रति समर्पण उन्हें सच्चा जननायक बनाता है। नायक ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि शिबू सोरेन की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। झारखंड की माटी उन्हें हमेशा याद रखेगी।