Eksandeshlive Desk
पूर्वी सिंहभूम : झारखंड आंदोलन के अगुआ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि गुरुजी उनके लिए पिता तुल्य रहे और उन्हें सदैव पुत्रवत स्नेह मिला। अपने शोक संदेश में रघुवर दास ने कहा कि गुरुजी के मुख्यमंत्री बनने पर मुझे उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने का सौभाग्य मिला। उनके निधन से मैं मर्माहत हूं। यह सिर्फ एक व्यक्ति का निधन नहीं है, बल्कि एक युग का अंत है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति की वह महत्वपूर्ण कड़ी थे, जो राज्य के वर्तमान को इसके संघर्षशील अतीत से जोड़ती थी। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और मतों को समान रूप से मान-सम्मान दिया।
रघुवर दास ने कहा कि गुरुजी के सान्निध्य में बैठना ऐसा अनुभव था जैसे किसी ऋषि की छत्रछाया में बैठना हो। वे सादगी और उच्च विचार के प्रतीक थे। उनमें कभी भी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं देखा गया। वे आदिवासी समाज की अस्मिता, उत्थान, आर्थिक समृद्धि, शिक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए सदा चिंतित रहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि शिबू सोरेन के अथक प्रयासों के कारण ही आदिवासी समाज को सम्मान और अधिकार प्राप्त हुआ। उन्होंने समाज को नशा मुक्त करने और युवाओं को सही दिशा देने के लिए निरंतर कार्य किया। अपने शोक संदेश के अंत में रघुवर दास ने प्रार्थना किया कि मरांग बुरू पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनकी धर्म पत्नी रूपी सोरेन सहित समस्त सोरेन परिवार को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। आज झारखंड ने अपने माटी के सच्चे सपूत को खो दिया है, पूरा राज्य शोकाकुल है।