Amit Ranjan
सिमडेगा: जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए गठित विधिक सेवा इकाई समिति सदस्यों के लिए व्यवहार न्यायालय सभागार में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हुआ। दो दिनों तक चले कार्यशाला में न्यायिक पदाधिकारियों,विधि विशेषज्ञों आदि के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों और बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को विधिक सेवाओं के प्रावधान के बारे जानकारी दी।
उन्होंने भिखारी गृह, महिला संरक्षण गृह, बाल देखभाल संस्थानों और अन्य संस्थानों में विधिक सेवाओं के बारे बताया। असिस्टेंट एलएडीसीएस सुकोमल ने जेल में बंदियों को मिलने वाले विधिक सेवा,सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्राधिकार से मिलने वाली विधिक सहायता के बारे जानकारी दी। चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों और बौद्धिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना 2024 के कार्यान्वयन के बारे जानकारी दी। उन्होंने ऐसे लोगों के लिए कानूनी सेवा प्रदाताओं की भूमिकाएं और जिम्मेदारियों के बारे बताया। मौके पर स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष रमेश कुमार श्रीवास्तव और वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी प्रियंका शर्मा ने भी उनके संस्थान द्वारा मुहैया कराए जाने वाली सुविधाओं के बारे जानकारी दी। इसके बाद प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने कार्यक्रम आयोजन उद्देश्यों के बारे जानकारी देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारियों का समुचित लाभ समाज को देने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि समिति सदस्यों के ऊपर एक बड़ी जिम्मेवारियों है। जिम्मेवारियों का निर्वहन सही तरीके से करें और जरूरतमंद लोगों तक लाभ पहुंचाने की कोशिश करें तब ही प्रशिक्षण कार्यशाला की सार्थकता सिद्ध होगी। कार्यशाला का समापन सचिव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।